लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी दंगल के लिए राजनीतिक अखाड़ा तैयार हो रहा है। सत्ता पक्ष के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित प्रदेश स्तर पर योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडणवीस और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा आदि मिशन 2024 के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। वहीं विपक्ष भी तेजी से एक साथ आकर भाजपा की मोदी सरकार को मात देने की रणनीति बनाने में जुटा है। हालांकि उनकी इस कोशिश के बीच पार्टी नेताओं की बयानबाजी और विपरीत गतिविधियों से ये बात एक बार फिर साफ हो रही है, कि हर बार की तरह इस बार भी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना असंभव जैसा है, हालांकि अभी से इस बारे में दावे के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है।
इस बार नीतीश ने उठाया है बीड़ा
इस बार विपक्ष को एकजुट करने का बीड़ा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उठाया है। 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक होने के बाद बंगाल के पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी एक दूसरे पर निशाना साध चुके हैं। हालांकि अभी आगे भी बैठकों का दौर जारी रहेगा। इसी क्रम में 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरू में विपक्षी पार्टियों की बैठक निश्चित की गई है।
भाजपा को चुनौती
विपक्षी एकता की कोशिश कितनी सफल होगी, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि विपक्ष की इस कोशिश ने सत्ता पक्ष को अपनी तैयारी जोरदार ढंग से करने की चुनौती दे दी है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी सहित पार्टी के अन्य मंत्री और नेता विपक्षी चाल को बेअसर कर तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुट गए हैं।
पीयूष गोयल ने साधा विपक्ष पर निशाना
इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राजस्थान के भरतपुर में विपक्षी एकजुटता को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विकक्षी एकता को भ्रष्टाचारियों का गठबंधन बताया है। गोयल ने कहा है कि विपक्ष के एकजुट होने से भाजपा का कोई नुकसान नहीं होगा। इसका कारण बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के स्टालिन प्रदेश के बाहर एक वोट नहीं ला सकते, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के बाहर एक वोट प्रभावित नहीं कर सकतीं। लालू यादव और नीतीश कुमार से शायद वोट घटने शुरू हो जाएंगे। मैं समझता हूं कि यह भ्रष्टाचारियों का गठबंधन है।
केंद्रीय मंत्री गोयल द्वारा दिया गया यह बयान कितना सही है, और कितना गलत, ये तो 2024 चुनाव के समय ही पता चल पाएगा, लेकिन यह सच है कि भाजपा को चुनाव में अपनी पूरी शक्ति झोंक देनी चाहिए। भाजपा की ये ही कोशश उसे 2014 और 2019 की तरह बंपर जीत दिलाकर विपक्ष की बोलती बंद कर सकती है।
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