Lok Sabha Elections: चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के पोते जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) बीजेपी (BJP) का दामन थाम सकते है। बीजेपी ने पश्चिमी उत्तरप्रदेश की सीटों पर जीत पक्की करने के लिए रालोद को साथ लाने का मन बना लिया है। जयंत चौधरी अपने सामने मौजूद विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में जाट मुस्लिम वोट बैंक (Jat Muslim vote bank) के असर को कम करने और विपक्षी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से टक्कर लेने के लिए बीजेपी को राष्ट्रीय लोक दल का साथ चाहिए।
पश्चिमी उत्तरप्रदेश की 18 सीटों पर नजर
12 फरवरी को अजीत सिंह के जन्मदिन पर बीजेपी और रालोद साथ आ सकते है । इसके संकेत बीजेपी के सूत्रों ने दिये है। बीजेपी के लोकसभा की 400 सीटें जीतने के लक्ष्य को पाने के लिए रालोद को साथ लेना बेहद जरूरी है। समाजवादी पार्टी के फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ने का दबाव और सपा के तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा से जयंत चौधरी नाराज है। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और मुरादाबाद डिविजन के साथ -साथ अलीगढ़, आगरा और मथुरा में बीजेपी का जीत का ट्रैक बेहतर नहीं है। राष्टीय लोकदल का इस क्षेत्र में बड़ा जनाधार है। रालोद ने जाट -मुस्लिम समीकरण को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर काम किया है।
समाजवादी पार्टी को जयंत चौधरी की पाला बदलने की भनक लगी
बीजेपी और रालोद के बीच गठबंधन की खबरों के बीच समाजवादी पार्टी ने सेक्युलर कार्ड का राग अलापना शुरू कर दिया है। इसी राजनीतिक जोड़-तोड़ की कोशिश के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पार्टी नेता शिवपाल यादव और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा है कि रालोद किसान और मजदूरों के लिए काम करना जारी रखेंगी।
राहुल गांधी बने इंडी गठबंधन के लिए पनौती ?
राहुल गांधी की बिहार में यात्रा के प्रवेश करने से पहले नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन का साथ छोड़ दिया था। राहुल की यात्रा मणिपुर से शुरू होते ही मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। अब उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी राहुल गांधी को झटका देने की तैयारी में है। बीजेपी जयंत के जरिए नाराज जाट वोटों को साधना चाहती है।