शिवसेना के कद्दावर मंत्री अनिल परब की दिक्कतें एक के बाद एक सामने आ रही हैं। अब मुंबई कार्यालय का प्रकरण लोकायुक्त के दरबार में पहुंच गया है। इसकी सुनवाई 13 अप्रैल को होनी है।
यह मामला मंत्री अनिल परब के बांद्रा कार्यालय का है जिसे उन्होंने म्हाडा की इमारत क्रमांक 57 और 58 के मध्य बनवाया है। लगभग दो हजार स्क्वेयर फुट के कार्यालय के अवैध निर्माण को लेकर म्हाडा ने नोटिस जारी किया था परंतु, कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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सइंया भए कोतवाल
महाराष्ट्र के संसदीय कार्य और परिवहन मंत्री अनिल परब शिवसेना के सबसे पावरफुल नेता माने जाते हैं। उनकी मातोश्री से नजदीकी सदा चर्चा में रही है। क्या इसीलिये बांद्रा के कार्यालय को वरदान मिल गया? इस प्रश्न का उत्तर अब लोकायुक्त के समक्ष सभी सरकारी एजेंसियों को देना होगा।
यह प्रकरण उनके बांद्रा की म्हाडा इमारत क्रमांक 57-58 के मध्य के बने कार्यालय की है। जो दो हजार स्क्वेयर फुट का है। इस कार्यालय के निर्माण के लिए म्हाडा से कोई अनुमति नहीं ली गई है। इसलिए 27 जून, 2019 को म्हाडा ने अनिल परब को नोटिस भेजी थी। जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि दस दिनों में निर्माण को हटाया जाए। परंतु, इस पर न तो निर्माणकर्ता पक्ष यानी अनिल परब की ओर से म्हाडा के आदेश का पालन हुआ और न ही म्हाडा ने कोई कार्रवाई की।
सोमैया ने की शिकायत
इस प्रकरण में भाजपा के पूर्व सांसद किरिट सोमैया ने निर्मल नगर पुलिस थाने में शिकायत की थी। आरोप है कि पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है। जिसके बाद उन्होंने मंत्री अनिल परब, कार्यकारी अधिकारी म्हाडा, कार्यकारी अभियंता म्हाडा, संपत्ति व्यवस्थापक म्हाडा, निर्मल नगर पुलिस स्टेशन के विरोध में मार्च 2021 में लोकायुक्त के पास जनहित याचिका दायर की। इस याचिका पर अब 13 जुलाई, 2021 को 12 बजे प्रभारी लोकायुक्त के समक्ष सुनवाई होनी है।