Lok Sabha Elections: पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने 18 मई को चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस से कांग्रेस के संबंधों के मुद्दे पर आलाकमान के खिलाफ बागी तेवर अपनाया है।
खड़गे के बयान से हैं नाराज
आंतरिक कलह की जड़ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का 18 मई को लखनऊ में मीडियाकर्मियों को दिया गया वह बयान है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए अपनाए जाने वाले कदम का फैसला करने वाले चौधरी कोई नहीं हैं। खड़गे ने कहा कि गठबंधन की स्थिति आने पर ममता बनर्जी के साथ आगे बढ़ने को लेकर पार्टी आलाकमान फैसला करेगा। खड़गे ने यहां तक कह दिया कि नेताओं को पार्टी आलाकमान के फैसले के अनुरूप चलना होगा या उन्हें पद छोड़ना होगा।
ममता बनर्जी पर नरम पड़ने के बयान से नाराज
चौधरी ने खड़गे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य होने के नाते वह आलाकमान का हिस्सा हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इन बयानों से स्पष्ट है कि कांग्रेस आलाकमान तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नरम पड़ सकता है, लेकिन चौधरी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
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ममता के इस बयान पर चौधरी ने दागा था सवाल
उल्लेखनीय है कि 17 मई को चौधरी ने चुनाव के बाद इंडी गठबंधन को बाहर से समर्थन देने की ममता बनर्जी के बयान पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी ये जान गई हैं कि राजनीतिक तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी कोई अहमियत नहीं है। इसे बनाए रखने के लिए इस तरह की टिप्पणी कर रही हैं।
मुझे उन पर भरोसा नहीं…: चौधरी
उन्होंने कहा, ‘मुझे उन पर भरोसा नहीं है। वह इंडी गुट से अलग हो गईं। अब वह हमारे साथ एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि उन्हें एहसास है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रहे हैं।
बढ़ सकती है राजनीितक हलचल
पर्यवेक्षकों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस को लेकर कांग्रेस के भीतर ताजा आंतरिक मतभेद आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल बढ़ा सकते हैं।