Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी की कांग्रेस राजनीति में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस के भारत तोड़ो घोषणा पत्र ने सबको चौंका दिया है। राहुल गांधी की कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि कांग्रेस के मुस्लिम लीग की नकल करने से क्या हासिल होगा? कांग्रेस धर्म के आधार पर देश के टुकड़े क्यों करना चाहती है? कांग्रेस की दुविधा यह है कि एक-एक करके उसके दिग्गज नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी की कांग्रेस देश में जाति , धर्म की राजनीति का खेल खेलने में लगी है।
ताजा मामला कांग्रेस का घोषणा पत्र का है। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग से प्रेरित घोषणा पत्र जनता के सामने पेश किया है। कांग्रेस ने पांच ‘न्याय’ और 25 गारंटी पर आधारित इस घोषणा पत्र को न्याय पत्र का नाम दिया है। लेकिन इस घोषणा पत्र के ऐलान के साथ ही शुरू हुआ सियासी बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है।
मोदी ने की आलोचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग की थी। अब बीजेपी ने मुस्लिम लीग के 1936 के घोषणा पत्र और कांग्रेस के 2024 के घोषणा पत्र के तीन बिंदुओं की आपस में तुलना करके कांग्रेस पर सवाल खड़ा कर रही है ।
आइए समझते हैं कि कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की कितनी बड़ी छाप है?
-1936 में मुस्लिम लीग ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह मुसलमान के लिए शरिया व्यक्तिगत कानून की रक्षा करेगी। 2024 में कांग्रेस ने इस वादे को दोहरा दिया है कि शरिया कानून अल्पसंख्यकों का व्यक्तिगत कानून होगा।
-1936 में मुस्लिम लीग ने तो यहां तक कहा था कि वह बहु संख्यावाद के खिलाफ लड़ेगी। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि भारत में बहुत संख्यावाद के लिए कोई जगह नहीं है।
-मुस्लिम लीग ने 1936 में कहा था कि हम मुसलमानों के लिए विशेष छात्रवृत्ति और नौकरियों के लिए संघर्ष करेंगे। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे की मुस्लिम छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिले।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम प्रेम
-कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मुसलमानों से वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी को मौका दिया जाता है तो वह संविधान के अनुच्छेद 15, 16,25,26,28,29 और 30 के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का सम्मान करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी।
-कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा भी किया है कि वह विदेश में पढ़ाई करने के लिए मुस्लिम छात्रों को मौलाना आजाद छात्रवृत्ति को फिर से लागू करेगी और छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाएगी।
-कांग्रेस ने यह भी वादा किया है कि वह यह सुनिश्चित करेगी की देश के प्रत्येक नागरिक की तरह हैं. अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, खान-पान, भाषा और व्यक्तिगत कानून की स्वतंत्रता हो।
-कांग्रेस कृत संकल्प है कि व्यक्तिगत कानून में सुधार को आगे बढ़ाया जाए, यह सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किए जाएंगे
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