Congress: ​​कांग्रेस का घोषणापत्र ‘इस्लामिक स्टेट’ की नींव; मुसलमानों के लिए असीमित स्वतंत्रता और शरिया कानून पर सहमति

298
xr:d:DAFy6mFdrvo:1558,j:7153266136632440516,t:24040614

कांग्रेस घोषणा पत्र यानी न्याय पत्र में अल्पसंख्यकों को दिए गए आश्वासन में शामिल हैं। इसमें कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 28, 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकार बरकरार रखे जाएंगे। यह अनुच्छेद 15, 16, 29 और 30 के तहत भाषा को लेकर सभी अधिकारों का भी सम्मान करेगा।

संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत नियम 2 में कहा गया है कि भारत के किसी भी नागरिक को जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान और नस्ल के आधार पर किसी दुकान, होटल, सार्वजनिक भोजनालय, सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। इससे हिंदू और मुसलमानों के बीच टकराव होने की संभावना है। बता दें कि मथुरा के शाही ईदगाह में पूजा स्थल को लेकर हिंदू और मुस्लिमों के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है, इस जगह का विवाद कोर्ट में जा चुका है। ऐसे में कांग्रेस मुसलमानों को जो आजादी देगी, वह हिंदुओं के लिए खतरनाक होगी।

मोदी सरकार ने बंद हो चुकी मौलाना आजाद छात्रवृत्ति को फिर से शुरू करने और इसके लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने का वादा किया है। कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए लोन नीति को आसान बनाने का वादा किया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी नौकरियों, सार्वजनिक कार्यों के अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में अल्पसंख्यकों को उचित अवसर देने की बात कही है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों को लेकर कांग्रेस द्वारा की गई अधिकांश घोषणाओं की मांग की है। एआईएमपीएलबी मुस्लिम कानून में किसी भी संशोधन या हस्तक्षेप का विरोध करता है। संगठन का कहना है कि मुस्लिम कानून शरिया या इस्लामी कानून और कुरान द्वारा शासित होते हैं, इसलिए उन्हें बदला नहीं जा सकता। ये सारी बातें कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल की गई हैं।

Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री के रोड शो में उमड़ा जनसैलाब, जय श्री राम के उद्घोष से गूंजा गाजियाबाद! सीएम सहित ये नेता हुए शामिल

कांग्रेस ने चुनाव आयोग और मानवाधिकार आयोग की तर्ज पर एसटी/एससी और ओबीसी आयोग के साथ-साथ अल्पसंख्यक आयोग को भी स्वायत्तता देने पर बात की है। इससे मुसलमानों को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की आजादी मिल जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई मुसलमानों के खिलाफ शिकायत करता है या प्रतिशोध लेता है, तो हिंदू अपराधी बन जाएंगे और उन्हें दंडित किया जाएगा।

कांग्रेस ने हिंदुओं और हिंदू संगठनों को मान्यता देने के नाम पर जातिगत विवादों और नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ कार्रवाई का संकेत दिया है। यूपीए-2 के दौरान कांग्रेस ने एक कानून बनाया था, जिसमें दंगों के लिए बहुसंख्यक समुदाय को जिम्मेदार ठहराया गया था।

कुल मिलाकर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मुसलमानों को जो असीमित आजादी दी है, उससे गौहत्या, लव जिहाद और भूमि जिहाद जैसे गलत कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। यह घोषणा पत्र नफरत फैलाने वाले भाषण के नाम पर हिंदुओं की स्वतंत्रता को दबाने, मुस्लिम न्यायाधीशों की नियुक्ति करके न्यायपालिका को धार्मिक आधार पर विभाजित करने और जाति जनगणना करके हिंदुओं को विभाजित करने की कांग्रेस की मंशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.