Lok Sabha Election 2024: इंडी गठबंधन में सीटों को लेकर बनी सहमति, राजू सेठी और प्रकाश आंबेडकर के साथ हुआ यह खेल

बाबा साहब अंबेडकर ने 1952 में पहले लोकसभा चुनाव लड़ा था उनकी मृत्यु के बाद 3 अक्टूबर 1956 को रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते पार्टी में फुट हुई और उसके अनेक गुट बन गए जिसमें बीसी कांबले, बैरिस्टर खोबागडे, दादा साहब रूपवते और आरडी भंडारे शामिल है।

165

Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर सरगर्मियां तेज होती जा रही है…महायुति गठबंधन (Mahayuti alliance) को टक्कर देने के लिए इंडी गठबंधन (indi alliance) के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है। इसकी घोषणा मुंबई (Mumbai) में 21 मार्च (आज) को हो सकती है। समझौते के तहत तहत शिवसेना उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Uddhav Thackeray) को 23 सीटे, कांग्रेस (Congress) को 19 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट (Nationalist Congress Sharad Pawar faction) को 6 सीटें मिलने की संभावना है। लेकिन राजू सेठी (Raju Sethi) और प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) की पार्टी को सीटें मिलने की संभावना नहीं है।

महा विकास अघाड़ी में प्रकाश आंबेडकर को नहीं मिल रही तवज्जो
महाराष्ट्र में वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष एवं बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर के सामने दुविधा खड़ी हो गई है शिवसेना यूबीटी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार और कांग्रेस का गठबंधन महा विकास अघाड़ी उनको एक भी लोकसभा की सीट देने के लिए तैयार नहीं है।

यह भी पढ़ें- Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे पर अमेरिका ने जताया कड़ा विरोध

बाबा साहब अंबेडकर के उत्तराधिकारी क्यों नहीं जमा पाए राजनीति में रंग
महाराष्ट्र में वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर राजनीति में अकेले अपना दम क्यों नहीं दिखा पाए एक बड़ा सवाल है गठबंधन के भरोसे ही वह हमेशा से राजनीति में अपनी अहमियत बनाकर रखते हैं। और आंबेडकर के नाम पर राजनीति को वोटों में नहीं बदल पाए है ।

यह भी पढ़ें- Prayagraj: यूपी पुलिस को अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता के प्रयागराज में छुपे होने की मिली जानकारी, देर रात तक चला सर्च ऑपरेशन

महाराष्ट्र की राजनीति में आंबेडकर की राजनीति
बाबा साहब अंबेडकर ने 1952 में पहले लोकसभा चुनाव लड़ा था उनकी मृत्यु के बाद 3 अक्टूबर 1956 को रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते पार्टी में फुट हुई और उसके अनेक गुट बन गए जिसमें बीसी कांबले, बैरिस्टर खोबागडे, दादा साहब रूपवते और आरडी भंडारे शामिल है। गुटों में बटी आंबेडकर की रिपब्लिकन विचारों के नेताओं में एकता हो चुकी है लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाए।

यह भी पढ़ें- Delhi Excise Policy Case: अरविंद केजरीवाल ने फिर खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा, आज ही होगी सुनवाई

प्रकाश आंबेडकर का महाराष्ट्र की राजनीति में अब तक प्रदर्शन
प्रकाश आंबेडकर ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एमआईएम से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। और करीब एक दर्जन सीटों पर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि प्रकाश आंबेडकर अपनी सीट भी नहीं जीत पाए थे। लेकिन एमआईएम को एक सीट मिल गई तब उनकी पार्टी की महाराष्ट्र में 14% वोट मिले थे जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 15.52 प्रतिशत और कांग्रेस को 16.27 प्रतिशत वोट मिले थे।

यह भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.