Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, जानें पूरी गणित

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Lok Sabha Elections 2024: पूरे देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सियासी दंगल तेज हो गया है। यहां की पुरुलिया लोकसभा सीट (Purulia Lok Sabha seat) खास है, क्योंकि यह आदिवासी बहुल इलाका (tribal dominated area) है। यहां से भाजपा (BJP) के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो (Jyotirmoy Singh Mahato) हैं। पार्टी ने इस बार भी उन्हीं को टिकट दिया है। उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने शांति राम महतो (Shanti Ram Mahato) को उम्मीदवार बनाया है। वामदलों और कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। यहां छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है।

क्या है भौगोलिक स्थिति
पुरुलिया लोकसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल के जंगल महल क्षेत्र के पुरुलिया जिले में है। 1995 में यह इलाका उसे वक्त सुर्खियों में आया था जब यहां हथियार बरसाए गए थे। पुरुलिया शहर कासल नदी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। यह अपने लैंडस्केप के लिए जाना जाता है। पुरुलिया जिले का मुख्यालय पुरुलिया ही है। यहां की साक्षरता दर 65 फीसदी है।

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क्या है राजनीतिक इतिहास?
इस सीट का मिजाज अलग रहा है। यहां से कांग्रेस को एकबार जीत मिली लेकिन उसके बाद यहां से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार विजयी होते रहे हैं। 1957 में पुरुलिया से आईएनडी के विभूति भूषण दास गुप्ता सांसद चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के महतो नागेंद्र नाथ सिंह देव को हराया था। 1962 में लोकसेवक संघ के भजाहारी महतो सांसद चुने गए थे। 1967 में आईएनडी के बी महतो सांसद चुने गए। 1971 में पहली बार यहां से कांग्रेस को यहां सफलता मिली और देवेंद्र नाथ महतो यहां से सांसद चुने गए थे।

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क्या है 2019 का जनादेश?
1977 में एफबीएल के चितरंजन महता को सफलता मिली थी। चितरंजन 1980, 1984 और 1989 तक पुरूलिया से लगातार सांसद चुने जाते रहे। 1991 में यहां पर उप चुनाव हुआ जिसमें फॉरवर्ड ब्लॉक (एफबीएल ) के बी महतो सांसद चुने गए। 1996, 1998, 1999 में फॉरवर्ड ब्लॉक के बीर सिंह महतो यहां से सांसद चुने जाते रहे। इसके बाद फॉरवर्ड ब्लॉक में विभाजन हो गया और 2004 में बीर सिंह महतो ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से ताल ठोंकी और सांसद बने। 2006 के उपचुनाव में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के नरहरि महतो विजयी हुए थे। 2009 में नरहिर महतो ही सांसद चुने गए। 2014 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने यह सीट कम्युनिस्टों से छीन ली और तृणमूल के डॉक्टर मृगांका महतो यहां से जीते थे। बीजेपी के ज्योतिर्मय सिंह महतो छह लाख 68 हजार 107 वोट से जीते। तृणमूल कांग्रेस के मृगांका महतो को चार लाख 63 हजार 375 वोट मिले। कांग्रेस के नेपाल महतो को 84 हजार 477 वोट मिले थे।

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