Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं, लेकिन अब एक और चौंकाने वाली खबर आ रही है। चर्चा है कि अब राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा(Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra) के बीच नाराजगी दिख रही है।
अमेठी और रायबरेली दोनों निर्वाचन क्षेत्र(Both Amethi and Rae Bareli constituencies) गांधी और नेहरू परिवारों की विरासत(Legacy of Gandhi and Nehru families) रही हैं। हालांकि, अब यह विरासत इतिहास में दर्ज होने की राह पर है। राहुल गांधी तो पहले ही अमेठी से भाग चुके हैं। अब क्या प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी? यह सवाल पूछा ज रहा है।
भाई से नाराज बहन
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि खुद को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की वारिस बताने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई राहुल गांधी से बेहद नाराज हैं। बताया जा रहा है कि वह सिर्फ राहुल गांधी से ही नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी से काफी नाराज हैं।
क्यों नाराज हैं प्रियंका गांधी वाड्रा?
अहम सवाल यह है कि आखिर प्रियंका गांधी नाराज क्यों हैं? इस बारे में कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और उनकी टीम प्रियंका गांधी पर रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने का दबाव बना रही है, जबकि प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ना नहीं चाहती हैं। बढ़ते दबाव के कारण उनकी नाराजगी बढ़ने की चर्चा है। प्रियंका गांधी की लोकसभा चुनाव लड़ने की बिल्कुल इच्छा नहीं है। वह रायबरेली ही नहीं, किसी भी सीट से चुनाव लड़ना नहीं चाहतीं। इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता हो सकती है, क्योंकि, रायबरेली से चाहे कोई भी लड़े, उसकी हार तय मानी जा रही है।
सपा और कांग्रेस में समझौता
80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौता हो गया है। सपा ने कांग्रेस के लिए 17 सीटें छोड़ी हैं। कांग्रेस ने 13 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है, लेकिन अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? ये अभी तक तय नहीं हुआ है।
अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस की उम्मीदवारी पर संशय
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण के लिए उम्मीदवारी के नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, हालांकि, कांग्रेस के लिए पारंपरिक माने जाने वाले रायबरेली और अमेठी में उम्मीदवारों की घोषणा होना अभी बी बाकी है। 27 मार्च की देर शाम कांग्रेस ने यूपी से चार उम्मीदवारों की घोषणा की लेकिन एक बार फिर सूची में रायबरेली और अमेठी के नाम नहीं थे।
कार्यकर्ता निराश
सूची में अमेठी और रायबरेली का नाम न होने से इन क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं में निराशा है। फिलहाल पार्टी पदाधिकारी प्रतीक्षा करो और देखो की स्थिति में हैं। अमेठी और रायबरेली दोनों जगहों के नेताओं ने प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है और गांधी परिवार से किसी को उम्मीदवार बनाने पर चर्चा की है।
राहुल गांधी का अमेठी से लड़ने से इनकार
राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। वह केरल के वायनाड से चुनाव लड़ेंगे। रायबरेली एकमात्र पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र बचा है। हालांकि, प्रियंका गांधी भी यहां से लड़ने को तैयार नहीं हैं, तो, गांधी और नेहरू के निर्वाचन क्षेत्रों का क्या होगा? ये सवाल खड़ा हो गया है।
क्या वरुण गांधी लड़ेंगे अमेठी से?
ऐसी भी उम्मीद है कि वरुण गांधी अमेठी से इंडी अलायंस के उम्मीदवार हो सकते हैं। बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी की उम्मीदवारी खारिज कर दी है। इसके बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस द्वारा अभी भी कुछ बड़े नामों को मैदान में उतारने की संभावना है।
कांग्रेस की बैठक में अमेठी और रायबरेली पर कोई चर्चा नहीं
लोकसभा चुनाव की आठवीं सूची से पहले कांग्रेस नेतृत्व ने 27 मार्च को खूब मंथन किया। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश, गोवा, बिहार, झारखंड, तेलंगाना और तमिलनाडु की लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में 40 नामों पर चर्चा हुई, हालांकि, अमेठी और रायबरेली का मुद्दा नहीं उठा। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 31 मार्च को होगी।
बीजेपी ने भी नहीं खोला है अपना पत्ता
भले ही बीजेपी ने अमेठी से स्मृति ईरानी का नाम फाइनल कर लिया है, लेकिन रायबरेली से किसे मैदान में उतारा जाएगा? यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है। कुछ अन्य नेताओं के साथ कुमार विश्वास के नाम की भी जमकर चर्चा हो रही है।
मथुरा भी अनिश्चित
अमेठी और रायबरेली से अभी पत्ते नहीं खुले हैं। इसी तरह मथुरा सीट पर भी मंथन चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि प्रयागराज लोकसभा क्षेत्र से वरिष्ठ सपा नेता और पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह पर दांव लगाने की तैयारी है। वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।