Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में गांधी परिवारGandhi family) का सफाया हो गया है। अमेठी(Amethi) में 2019 में कराए गए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की हार के बाद वहां भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) की नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी(Union Minister Smriti Irani) का परचम लहरा रहा है। उन्होंने पांच सालों में इस निर्वाचन क्षेत्र पर अपनी मजबूत पकड़ बनाकर कांग्रेस(Congress) की आगे की सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। गांधी परिवार को यह बात अच्छी तरह समझ में आ गई है। इसलिए राहुल गांधी इस बार इस सीट पर मैदान में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। उन्होंने केरल(Kerala) की अपनी दूसरी सीट वायनाड(Wayanad) से लोकसभा चुनाव लड़ना सुरक्षित समझा। कांग्रेस ने इस सीट से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है।
उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का सफाया
अमेठी के साथ ही गांधी परिवार की उत्तर प्रदेश की दूसरी सीट रायबरेली से वर्तमान सांसद सोनिया गांधी ने भी मैदान छोड़ दिया है। उन्हें शायद अपनी हार का अंदेशा हो गया था, इसलिए उन्होंने यहां से चुनौती स्वीकार करने की बजाय राजस्थान से राज्य सभा में जाना उचित और सुरक्षित समझा। मतलब गांधी परिवार की दोनों पारंपरिक सीटें अब उनके हाथ से निकल चुकी हैं। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस इस सीट पर पार्टी महासचिव और गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारेगी। लेकिन अभी तक इस बारे में दावे के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है।
सीपीआई( एम) ने बढ़ाई मुश्किलें
फिलहाल हम बात कर रहे हैं, राहुल गांधी की वायनाड संसदीय क्षेत्र की। 2019 के चुनाव में इस सीट पर राहुल गांधी ने 4 लाख से अधिक मत पाकर धमाकेदार जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार उनकी राह मुश्किल हो गई है। दरअस्ल यहां से सीपीआई( एम) ने भी अपने उम्मीदवार उतारकर विपक्षी गठबंधन इंडी के अस्तित्व पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
मैदान में एनी राजा भी
पार्टी नेता वृंदा करात ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सीट से लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट( एलडीएफ) की ओर से कॉमरेड एनी राजा उम्मीदवार होंगी। उन्होंने यहां तक कह दिया है,” राहुल गांधी कहते हैं कि उनकी लड़ाई भाजपा से है। केरल में आप भाजपा नहीं, लेफ्ट के खिलाफ आकर लड़ेंगे। इससे आप क्या संदेश देना चाहते हैं? इसलिए आपको इस सीट के बारे में एक बार फिर सोचने की जरुरत है।
कहने को तो सीपीआई( एम) और कांग्रेस, इंडी गठबंधन में शामिल हैं, लेकिन केरल में वायनाड के साथ ही शशि थरूर की सीट पर भी सीपीआई ने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर इंडी गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चार सीटों पर सीपीआई ने उतारे उम्मीदवार
केरल में 20 सीटें हैं। इनमें से सीपीआई चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीपीआई के प्रदेश सचिव बिनॉय विश्वम ने यह घोषणा की है। यहां तक कि केरल की तिरुअनंतपुरम सीट पर भी सीपीआई ने वरिष्ठ नेता पनियन रवींद्रन को मैदान में उतारकर थरूर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।इस सीट पर थरूर 2009 से सांसद है। इसके साथ ही त्रिसूर से पार्टी ने वीएस सुनील कुमार को टिकट दिया है।
कांग्रेस नेता नाराज
स्वाभाविक है कि सीपीआई(एम) के इस फैसले से कांग्रेस नेता काफी नाराज हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि लेफ्ट केरल की उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। अपनी सीट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा है, “पिछले दो चुनावों से मेरी सीट पर भाजपा दूसरे नंबर रही है। एंटी-बीजेपी वोट का बड़ा हिस्सा तीसरे नंबर पर रहे कम्यूनिस्ट उम्मीदवार को मिले थे।”
लेफ्ट के इरादे पर सवाल
शशि थरूर ने अपनी नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि केरल में लेफ्ट का इरादा सहयोग का नहीं दिख रहा है। पास के राज्य में तमिलनाडु में सीपीआई(एम),मुस्लिम लीग, कांग्रेस और डीएमके मिलकर चुनाव लड़ रहे है। लेकिन यहां लेफ्ट ने कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है।
सीपीआई ने उठाये इंडी के अस्तित्व पर सवाल
सीपीआई(एम) नेता एनी राजा ने कहा, ”ये कांग्रेस को तय करना है कि वो किस सीट पर किसे उतारना चाहती है। एक स्वतंत्र पार्टी के तौर पर हमने फैसला किया है। ये पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी किसी सीपीआई उम्मीदवार का सामना करेंगे। 2019 में भी ऐसा हुआ था, हालांकि इसका असर ‘इंडी’ के बीजेपी के खिलाफ शुरू किए अभियान पर होगा। इसकी जवाबदेही कांग्रेस की बनती है न कि हमारी।”
राहुल गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं?
इस सवाल पर एनी राजा कहती हैं, ”मैं इसका जवाब नहीं दे सकती हूं। मैं राहुल या कांग्रेस, किसी का नाम नहीं लूंगी। कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि उसकी पॉलिटिक्स क्या है? वह बीजेपी संघ को हारा हुआ देखना चाहते हैं या लेफ्ट को किनारे देखना चाहते हैं। ये सिर्फ सीपीआई की ज़िम्मेदारी नहीं है। तेलंगाना चुनाव में भी कांग्रेस ने दो सीटों का वादा किया था। पर आखिरी पलों में हमें एक सीट दी गई।”
एनी राजा हैं कौन?
एनी पार्टी के महासचिव डी राजा की पत्नी हैं और वह सीपीआई(एम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं। वह नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन की महासिचव भी हैं। वे स्कूल के दिनों से राजनीति में सक्रिय हैं। उनका जन्म रूढ़िवादी ईसाई परिवार में हुआ है। उनके पिता थॉमस भी कम्युनिस्ट नेता थे। जुलाई 2023 में मणिपुर हिंसा को स्टेट स्पॉन्सर्ड बोलने पर एनी के खिलाफ इम्फाल में केस दर्ज हुआ था।
त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना
वायनाड संसदीय सीट पर उम्मीदवारों की स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि राहुल गांधी से लिए अब यह सीट स्वर्ग नहीं है। इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा और सीपीआई में कांटे की टक्कर होना तय है।