Lok Sabha Elections: हरियाणा में 10 सीटों पर मतदान समाप्त, इस पार्टी की ओर रुझान

हरियाणा की लोकसभा की 10 सीटों के लिए 25 मई को मतदान समाप्त हो गया। इसी के साथ उम्मीदवारों का भाग्य एईवीएम में कैद हो गया।

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Lok Sabha Elections: हरियाणा की लोकसभा की 10 सीटों के लिए 25 मई को मतदान समाप्त हो गया। इसी के साथ उम्मीदवारों का भाग्य एईवीएम में कैद हो गया। बीजेपी एक बार फिर हरियाणा में 2014 की तरह क्लीन स्वीप करती दिख रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस की इस राह में सबसे बड़ी रुकावट है, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में चल रही गुटबाजी। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनाम एसआरके गुट की अदावत खुलकर सामने आ गई है।

हुड्डा बनाम एसआरके गुट
कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी की सीधी लड़ाई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से है। लोकसभा चुनाव के प्रचार में दोनों गुटों में काफी खींचतान रही। इतना ही नहीं,हरियाणा में राहुल गांधी की रैली के दौरान किरण चौधरी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों गुटों की लड़ाई का असर यह हुआ कि एक दूसरे के इलाके में चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंच सके। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि कांग्रेस का हरियाणा में प्रदर्शन कैसा रहेगा?

9 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार
कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एक सीट कुरुक्षेत्र लोकसभा पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है। दिलचस्प है कि कांग्रेस की 9 में से 8 प्रत्याशियों को जीतने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिन-रात एक कर दिया। लेकिन सिरसा लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहीं कुमारी शैलजा के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं गए।

 हुड्डा के भरोसे कांग्रेस
हरियाणा में लोकसभा की 9 सीटों के उम्मीदवारों के चयन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को ही पार्टी आलाकमान ने तरजीह दी है। कुमारी शैलजा एकमात्र उम्मीदवार हैं, जो हुड्डा गुट की विरोधी हैं। एसआरके गुट सभी सीटों पर अपनी पसंद की उम्मीदवार चाहता था। लेकिन पार्टी आलाकमान ने हुड्डा गुट को अहमियत दी। इससे नाराज होकर दूसरा गुट शांत बैठ गया।

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