Loksabha Results: लोकसभा नतीजों के बाद महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर की आहट, जानिये क्या है खबर

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद गुरुवार को राकांपा अजीत पवार गुट की ओर विधायकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें 5 विधायक अनुपस्थित थे।

607

Loksabha Results: महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोकसभा नतीजे (Loksabha Results) के बाद सियासी समीकरण बदलने की संभावना नजर आने लगी है। इसका कारण शिंदे समूह की शिवसेना (Shivsena Shinde group) के 6 विधायक उद्धव ठाकरे और राकांपा अजीत पवार गुट के करीब 16 विधायक शरद पवार के संपर्क में बताए जा रहे हैं। निर्दलीय विधायक बच्चू कड़ू भी वर्तमान शिंदे सरकार से नाराज बताये जा रहे हैं। उन्होंने 10 निर्दलीय विधायकों के साथ शिंदे सरकार का समर्थन किया था।

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद गुरुवार को राकांपा अजीत पवार गुट की ओर विधायकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें 5 विधायक अनुपस्थित थे। इसी के बाद राकांपा शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने दावा किया कि अजीत पवार गुट के करीब 16 विधायक शरद पवार के संपर्क में हैं। इन सभी विधायकों की घरवापसी के बारे में विचार विमर्श जारी है। हालांकि, राकांपा अजीत पवार के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इसका खंडन करते हुए कहा कि कोई भी विधायक शरद पवार की पार्टी नें नहीं जाएगा, लेकिन फिर भी अंदरूनी जोड़-तोड़ जारी रहने की जोरदार चर्चा है।

यह भी पढ़ें- Modi Govt 3.0: विपक्ष ने हमें पराजित कहा, लेकिन यह एनडीए की बड़ी जीत है: नरेंद्र मोदी

शिवसेना में वापस आने को तैयार
इसी तरह शिवसेना शिंदे समूह के कई विधायक एकनाथ शिंदे की बैठक में कल हुई बैठक से अनुपस्थित थे। इसके बाद चर्चा है कि शिंदे समूह के करीब छह विधायक उद्धव ठाकरे की शिवसेना में वापस आने को तैयार हैं। हालांकि, शिवसेना शिंदे समूह के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। लोकसभा चुनाव में हमारे सात उम्मीदवार जीते हैं, जिनमें किसी भी तरह का असंतोष नहीं है।

यह भी पढ़ें- NDA Meet: चंद्रबाबू नायडू ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले- ‘भारत को सही समय पर सही नेता…’

घर वापसी पसंद नहीं
शिवसेना उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि शिंदे समूह के कई विधायक बहुत पहले से ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना में लौटना चाहते हैं, लेकिन पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को इन विधायकों की घर वापसी पसंद नहीं है। फिर भी शिवसेना अध्यक्ष के बारे में तल्ख आलोचना न करने वाले विधायकों के बारे में विचार किया जा सकता है। शिवसेना प्रवक्ता सचिन अहिर ने कहा कि संकट के समय हमें छोड़ कर जाने वालों के नाम पर विचार नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें- Award: छत्रपति शिवाजी महाराज के गुणों का योग है रामायण और महाभारत; स्वामी गोविंद गिरी जी महाराज का उद्गार

17 सीटों पर चुनाव
इस सबके बाद भी राज्य में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बड़े राजनीतिक उलटफेर की जोरदार चर्चा की जा रही है। इस लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी ने 31 सीटों और भाजपा नीत एनडीए गठबंधन ने 17 सीटों पर चुनाव जीता है। महाराष्ट्र के कुल 288 विधानसभा क्षेत्रों में से करीब 185 सीटों पर महाविकास आघाड़ी की बढ़त रही है। इन नतीजों में शिंदे समूह और अजीत पवार समूह के अधिकांश विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में महाविकास आघाड़ी को जबर्दस्त बढ़त मिली है।

यह भी पढ़ें- NDA Meet: “10 साल में 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई कांग्रेस “- प्रधानमंत्री का विपक्ष पर कड़ा प्रहार

9 उम्मीदवार ही सांसद बने
इसी वजह से अंदरूनी तौर पर यह सभी विधायक चिंतित हैं। इसका एक और कारण यह भी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के 23 और शिवसेना के 18 सांसद जीते थे। इनमें अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं। इनमें भाजपा के सिर्फ 9 उम्मीदवार ही सांसद बन सके हैं। इसी तरह शिवसेना के 18 सांसदों में से 14 सांसद सीएम शिंदे की शिवसेना के साथ थे।

यह भी पढ़ें- Modi Govt 3.0: विपक्ष ने हमें पराजित कहा, लेकिन यह एनडीए की बड़ी जीत है: नरेंद्र मोदी

शिंदे की शिवसेना के सिर्फ 7 उम्मीदवार
शिंदे समूह 17 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन शिंदे की शिवसेना के सिर्फ 7 उम्मीदवार ही सांसद बन सके हैं। अजीत पवार की राकांपा में 4 सांसद अजीत पवार के साथ थे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक सुनील तटकरे ही सांसद बनने में सफल हुए हैं। इन स्थितियों में राकांपा का अजीत पवार गुट और शिंदे समूह की शिवसेना के विधायकों में असंतोष है, इसलिए आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में किसी बड़े सियासी उलटफेर होने की संभावना अभी से जताई जाने लगी है।

यह वीडियो भी देखें-

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.