Mumbai: डॉ. अंबेडकर की तस्वीर फाड़ने के मामले में बढ़ीं आव्हाड की मुश्किलें, एट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी की मांग

डॉ बाबा साहब अंबेडकर ने सामाजिक प्रबोधन की दृष्टि से ऐतिहासिक कार्य किया था उनकी तस्वीर जितेंद्र आव्हाड द्वारा फाड़े जाने से एक समुदाय में बेहद नाराजगी है।

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Mumbai: डॉ बाबा साहब अंबेडकर ने सामाजिक प्रबोधन की दृष्टि से ऐतिहासिक कार्य किया था।उन्होंने कई सामाजिक और राजनीतिक यादगार काम करने के साथ ही भारत के संविधान की रचना भी की थी। शरद पवार गुट की एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने एक कथित स्टंट के तहत मनुस्मृति के साथ ही डॉ. अंबेडकर की तस्वीर भी जला दी। इस मामले में वकील विवेकानन्द गुप्ता ने रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मांग की है कि आव्हाड को एट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाए।

पत्र में क्या कहा गया?
डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने उस समय छुआछूत का विरोध किया था। उस समय अछूत समझे जाने वाले समुदाय को तालाब का पानी पीने की इजाजत नहीं थी, लेकिन अम्बेडकर के प्रयास से उसका पानी सबको उपलब्ध होने लगा। इसलिए चवदार तालाब का स्थान ऐतिहासिक महत्व रखता है। साथ ही दलित समाज को बाबा साहब अम्बेडकर पर गर्व है। सिर्फ भारतीयों के लिए नहीं बल्कि विदेशों मेंं अंबेडकर पूजनीय हैं। डाॅ. जितेंद्र आव्हाड द्वारा अंबेडकर की फोटो को उसी तालाब में फाड़कर फेंककर दलित समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। इसलिए वकील विवेकानंद गुप्ता ने अपने पत्र में कहा है कि जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

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जीतेन्द्र आव्हाड द्वारा जब डाॅ. अंबेडकर की फोटो फाड़ी जा रही थी, तभी एक कार्यकर्ता ने उसे रोकने की कोशिश की तो जितेंद्र अव्हाड ने उसकी बात को अनसुना कर दिया और नफरत के कारण फोटो के टुकड़े-टुकड़े कर जमीन पर फेंक दिए। यह खबपर कुछ ही क्षणों में सम्पूर्ण राज्य में पहुंच गया। आव्हाड द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान पर समाज में तीखी प्रतिक्रिया आई है।

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