Lok Sabha Elections: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) छठे चरण के मतदान(sixth phase voting) से पहले उत्तरी कोलकाता में रोड-शो(Road-show in North Kolkata) करने वाले हैं। उनके आगे-आगे साधु-संत नंगे पैर उस रास्ते से पदयात्रा(Sadhus and saints will march barefoot) करेंगे। रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ(Ramakrishna Mission and Bharat Sevashram Sangh) जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Chief Minister Mamata Banerjee) की टिप्पणी के विरोध में यह पदयात्रा होगी।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) सूत्रों के मुताबिक, छठे चरण के मतदान से ठीक पहले 24 मई को साधु-संत उत्तर कोलकाता के गिरीश एवेन्यू से विवेकानंद के जन्मस्थान तक मार्च निकालेंगे। इस यात्रा को ”संत स्वाभिमान यात्रा” नाम दिया गया है।
विहिप ने की पदयात्रा की घोषणा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर झाड़ग्राम की सभा में मोदी ने कहा था कि रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन, भारत सेवाश्रम संघ बंगाल की आध्यात्मिक पहचान हैं। अब मुख्यमंत्री हिंदू संतों को धमकी दे रही हैं। जलपाईगुड़ी के रामकृष्ण मिशन आश्रम पर ममता बनर्जी के बयान के बाद हमला हुआ। मिशन के कर्मचारियों को पीटा गया और धमकाया गया। अब विश्व हिंदू परिषद ने ममता बनर्जी के इस बयान के खिलाफ पदयात्रा की योजना बनाई है।
20 मई को आपात बैठक में लिया गया निर्णय
विहिप सूत्रों के मुताबिक, संत-विवाद के मद्देनजर बंगाल में काम कर रहे ज्यादातर धार्मिक संगठनों के साथ बैठक हुई। एक ओर, भारत सेवाश्रम संघ उपस्थित था, साथ ही रामकृष्ण मिशन सहित अन्य धार्मिक संगठनों के संतों का प्रतिनिधित्व भी था। 20 मई की रात आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि वे 24 मई को संत स्वाभिमान यात्रा के साथ सड़क पर उतरेंगे। उस दिन दोपहर तीन बजे बागबाजार के निवेदिता पार्क में एक रैली आयोजित की जाएगी। मां शारदा के घर से गिरीश एवेन्यू, बागबाजार स्ट्रीट, श्यामबाजार पंच मठार जंक्शन, विधान सारणी होते हुए, स्वामीजी के जन्म स्थान, विवेकानन्द रोड पर समाप्त होगी।
नंगे पैर चलेंगे साधु-संत
सूत्रों के मुताबिक, जुलूस में शामिल साधु-संत पूरे रास्ते नंगे पैर चलेंगे। विहिप ने धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ही नहीं आम लोगों से भी संगठन की शर्तों के अनुरूप दर्शन, आरती और स्वागत की अपील करते हुए जुलूस में शामिल होने का आह्वान किया है।
राजनीति से संबंध नहीं होने की घोषणा
इस संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद के बंगाल प्रभारी अखिल भारतीय नेता सचिन्द्रनाथ सिंह ने कहा कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, वोटों से भी नहीं। जिस तरह से चुनाव में हिंदू संतों को अल्पसंख्यक वोट पाने के लिए धमकी दी गई है, उससे परिषद बंगाल के हिंदू समाज के भविष्य को लेकर चिंतित है। सभी संस्थानों और मठों के भिक्षुओं ने भी मुख्यमंत्री के भाषण और उसके तुरंत बाद जलपाईगुड़ी में मिशन पर हमले की निंदा की। इसके बाद यात्रा तय की गई।