कांग्रेस नेता राहुल गांधी कब कहां क्या बोल दें, इसका कोई अंदाजा लगाना उनकी पार्टी के लोगों के लिए भी कठिन है। लंदन में देश की बदनामी करनेवाले बयान देकर उन्होंने अपने अ-ज्ञान का ताजा दर्शन कराया है। इस बीच संसद में उनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के अंतर्गत कार्रवाई की जाए इसकी सुनवाई भी चल रही है। यह मांग भाजपा नेताओं ने की है। जिसपर प्रतिक्रिया स्वरूप आए राहुल के बयान से यह प्रश्न उठने लगा है कि, क्या कांग्रेस के इस नेता की संसद सदस्यता छिन सकती है या खोए जनाधार को वापस पाने के लिए यह भी एक पैंतरा है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा की प्रिविलेज कमेटी के समक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर आपत्ति दर्ज कराई थी। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी का नाम लेकर दिया गया था। इस पर लोकसभा की प्रिविलेज कमेटी ने सुनवाई रखी है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को मौखिक बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। इस बीच अपने बयानों को लेकर अड़ियल राहुल गांधी ने फिर कहा है कि, वे माफी नहीं मांगेंगे इसके लिए चाहे उनकी संसद सदस्यता चली जाए।
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