केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गरीब, वंचितों और महिलाओं के उत्थान की प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रतिबद्ध हैं और इसकी प्रेरणा उन्हें भगवान राम से आती है। राम एकता के प्रतीक थे। वे समरसता के पूरक थे, हैं और रहेंगे। भगवान राम हैं, जिनके लिए ना कोई जाति थी और ना ही कोई धर्म, सभी एक समान थे और आज मोदी सरकार भी उसी रास्ते पर काम कर रही है। जिसकी प्रेरणा हमने दीनदयाल उपाध्याय से ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हमेशा गरीब कल्याण के बारे में सोचते हैं।
राजनाथ सिंह 23 सितंबर को लेखक मनोज सिंह की पुस्तक ‘मैं रामवंशी हूं’ के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे। नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर गिरिजी महाराज सहित कई लोग मौजूद थे।
रामकथा में महिला सशक्तिकरण की चर्चा
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रामकथा में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। महिलाओं का सशक्तिकरण भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। संसद में 33 फीसदी आरक्षण विधेयक पारित होने से महिला सशक्तिकरण को एक नया आसमान मिल गया है। मनोज सिंह के किताब मैं रामवंशी हूं के बारे में कहा कि यह राम के शौर्य की गाथा है। इसमें अयोध्या की कथा भी है और इसमें राम भक्ति की भी कथा है। इस किताब के लिए उन्होंने मनोज सिंह को बधाई दी।
किताब करती है भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत
इस मौके पर महामंडलेश्वर गिरीजी महाराज ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि यह किताब भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करती है। इस किताब में प्रामाणिकता है। वहीं, इस मौके पर आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि यह किताब शोध और अध्ययन से परिपूर्ण है। हालांकि इसमें कुछ तथ्यों को उजागर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह किताब भगवान राम के जीवन के सभी पहलुओं को उजागर करती है।