Love Jihad: असम के मुख्यमंत्री (Assam Chief Minister) हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने 4 अगस्त (रविवार) को कहा कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) के खिलाफ कानून बनाएगी जिसमें उल्लंघन करने वालों को सजा के तौर पर ‘आजीवन कारावास’ (Life imprisonment) का प्रावधान होगा।
उन्होंने भाजपा की एक बैठक में कहा, “हमने चुनाव के दौरान ‘लव जिहाद’ के बारे में बात की थी। जल्द ही हम एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।”
असम सरकार Land Jihad और Love Jihad को रोकने के लिए दो क़ानून ला रही है।
1️⃣ अगर कोई मुस्लिम हिंदू की संपत्ति ख़रीदना चाहता है या कोई हिंदू मुस्लिम की संपत्ति ख़रीदना चाहता है, तो उसे सरकारी अनुमति लेनी होगी।
2️⃣ लव जिहाद करने वालों को उम्रक़ैद की सजा दी जाएगी।… pic.twitter.com/NzVtwljHp7
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 4, 2024
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अधिवास नीति पेश
पूर्वोत्तर में भाजपा के सबसे प्रमुख नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जल्द ही नई अधिवास नीति पेश की जाएगी। इस नीति के तहत, असम में जन्मे लोग ही राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार ने अपने चुनाव पूर्व वादे के अनुसार एक लाख सरकारी नौकरियों में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता दी है। सीएम ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भूमि सौदों के संबंध में निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लेन-देन को रोक नहीं सकती है, लेकिन ऐसे सौदों के लिए मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर देगी। हिमंत बिस्वा सरमा ने वादा किया था कि उनकी सरकार असम में समान नागरिक संहिता लागू करेगी।
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जनसांख्यिकी ‘आक्रमण’ पर हिमंत बिस्वा सरमा
पिछले महीने, वे झारखंड गए थे और दावा किया था कि ‘बांग्लादेशी घुसपैठिए’ आदिवासियों की ज़मीन हड़प रहे हैं। “आज, मैंने पाकुड़ के गैबथान गांव का दौरा किया। वहां एसपीटी कानून है, इसलिए आदिवासियों की ज़मीन हस्तांतरित नहीं की जा सकती। दो बांग्लादेशी घुसपैठियों ने उनकी ज़मीन हड़प ली, कोर्ट ने आदेश दिया कि उन दोनों को हटाया जाए और आदिवासी परिवार को उनकी ज़मीन वापस दी जाए, लेकिन प्रशासन ने कुछ नहीं किया।” उन्होंने कहा,”जब आदिवासी परिवार ने अपनी ज़मीन पर घर बनाने की कोशिश की, तो उन पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने हमला कर दिया। आज भी, उन्हें अपनी ज़मीन वापस नहीं मिली है। झारखंड के एक आदिवासी मुख्यमंत्री को उनकी मदद करनी चाहिए। घुसपैठ कोई मुद्दा नहीं है, यह पाकुड़, साहिबगंज जैसी जगहों की वास्तविकता है…”
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जनसांख्यिकी आक्रमण
असम के बारे में भी वे अक्सर इसी तरह के दावे करते हैं। सरमा ने कहा, “मैंने असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल में जनसांख्यिकी आक्रमण देखा है। जब भी 2021 की जनगणना होगी, मुझे यकीन है कि इसमें पूर्वी भारत की जनसांख्यिकी के बारे में चौंकाने वाली खबरें सामने आएंगी। जनसांख्यिकी आक्रमण वास्तविक है और तुष्टिकरण की नीतियों के कारण हम इसे नियंत्रित करने में असमर्थ हैं।”
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