कमलनाथ के दिल से क्यों उतरी दिल्ली?

कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष हैं इसके अलावा वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। इस प्रकार उनके पास दो पद हैं। इन पदों पर रहते हुए प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कॉंग्रेस को मात्र 9 सीटों से संतोष करना पड़ा। इससे कमलनाथ पर दबाव बनने लगा है पद छोड़ने का।

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मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ अब आराम करना चाहते हैं। प्रदेश में कांग्रेस की ओर से सीएम मटेरियल ने ऐसा आखिर क्यों कहा? वो भी उस समय जब राज्य के दो शीर्ष पदों पर हैं। इसको लेकर अब कयास शुरू हो गए हैं कि क्या उन पर पद छोड़ने का दबाव है जिसके कारण कमलनाथ के दिल से दिल्ली का हाइकमांड उतर गया है।

कांग्रेस में दीग्विजय सिंह दरकिनार हैं, ज्योतिरआदित्य सिंधिया बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और सीएम फेस कमलनाथ अब आराम के मूड में हैं। इससे राज्य कांग्रेस की राजनीति में नए चेहरों के आगमन की राह बन रही है। लेकिन, कमलनाथ इतनी आसानी से आराम करने जाएंगे इस पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।

क्या कहा कमलनाथ ने?

कमलनाथ अपनी पारंपरिक सीट छिंदवाड़ा में 6 दिनों के लिए आए हैं। इस सीट से उनके पुत्र नकुलनाथ सांसद हैं। इसके पहले कमलनाथ यहां से सांसद रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”मैं भी आराम करना चाहता हूं। मेरे पास सबकुछ है, लेकिन युवा और किसानों की स्थिति को देखने के बाद क्या मुझे आराम करना चाहिए?”

कमलनाथ ने ये बातें सौंसर विधानसभा में कही जो कॉंग्रेस का अभेद्य गढ़ माना जाता है।

क्या ये है कारण?

कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष हैं इसके अलावा वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। इस प्रकार उनके पास दो पद हैं। इन पदों पर रहते हुए प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कॉंग्रेस को मात्र 9 सीटों से संतोष करना पड़ा। इस चुनाव परिणाम ने जहां कांग्रेस को सत्ता से पूरी तरह से बेदखल कर दिया वहीं बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दे दिया। इससे कमलनाथ पर दबाव बनने लगा है पद छोड़ने का। ये दबाव राज्य से बना तो हाइकमांड ने भी इस पर अंदरखाने अपनी सहमति दे दी है। ये बात कमलनाथ को खटक गई है।

त्यागपत्र की उठी मांग

सिहोर से कांग्रेस के नेता और ऑल इंडिया कॉंग्रेस कमेटी के सदस्य हरपालसिंह ठाकुर ने कमलनाथ के विरुद्ध स्वर ऊंचा किया है। उन्होंने उपचुनावों में हार के बाद कमलनाथ से दोनों पदों से त्यागपत्र देने की मांग की थी। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक उदाहरण पेश किया है। 2019 के चुनावों में हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसलिए कमलनाथ को अपने दोनों पदों से इस्तीफा दे दिना चाहिए। उपचुनाव कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में लड़ा गया था। इसलिए इन दोनों नेताओं को त्यागपत्र देकर नए चेहरों को स्थान देना चाहिए।

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