भले ही विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) की हार हुई हो, लेकिन गठबंधन अभी भी सतही तौर पर बरकरार है। हालांकि, विधान परिषद (Legislative Council) में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) के पद को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच मतभेद होने की संभावना है। फिलहाल उद्धव ठाकरे गुट के अंबादास दानवे (Ambadas Danve) विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं, लेकिन उनका कार्यकाल अगस्त में खत्म हो जाएगा।
विधान परिषद में कांग्रेस का दावा
कांग्रेस ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के लिए दावा पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में विधान परिषद में कांग्रेस के सबसे अधिक आठ सदस्य हैं, जबकि ठाकरे गुट के सात और शरद पवार गुट के दो सदस्य हैं। इसलिए कांग्रेस ने संख्या बल के आधार पर यह पद मांगा है।
विधानसभा की स्थिति और कांग्रेस का तर्क
विधानसभा में महाविकास अघाड़ी में सबसे अधिक विधायक शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के हैं। ठाकरे गुट के 20, कांग्रेस के 16 और शरद पवार गुट के 10 विधायक हैं। इसलिए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी को विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद मिल सकता है। कांग्रेस का तर्क है कि अगर विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद ठाकरे गुट को मिलता है तो कांग्रेस द्वारा विधान परिषद में इस पद की मांग करना स्वाभाविक है।
क्या गठबंधन में तनाव बढ़ेगा?
बताया जा रहा है कि विपक्ष के नेता के पद को लेकर ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच चर्चा चल रही है। इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, अगर कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाया तो महाविकास अघाड़ी के भीतर तनाव बढ़ सकता है।
विजय वडेट्टीवार ने कांग्रेस विधायक दल का नेतृत्व संभाला
इस बीच, कांग्रेस ने हर्षवर्धन सपकाल को प्रदेश अध्यक्ष चुना है और विजय वडेट्टीवार को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वडेट्टीवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पहले का अनुभव है, इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के लिए अधिक आक्रामक रुख अपनाएगी।
विधान परिषद सदस्यता एवं चयन प्रक्रिया
30 सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
22 सदस्य विभिन्न स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा चुने जाते हैं।
7 सदस्य स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं।
7 सदस्य शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं।
बारह सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
आगामी राजनीतिक घटनाक्रम पर ध्यान दें
विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के बीच रस्साकशी चल रही है। इसलिए अगले कुछ महीनों में विधान परिषद में राजनीतिक घटनाक्रम महत्वपूर्ण रहने वाला है। (Maharashtra Politics)
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