… तो क्या बीजेपी से रूठ गए महादेव!

अभी तक भारतीय जनता पार्टी का साथ निभा रही राष्ट्रीय समाज पार्टी के महादेव जानकर के भी साथ छोड़ने की चर्चा गरम है। हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुालाकात के बाद राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है।

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2019 में महाराष्ट्र में सरकार गठन में फेल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। हाल ही में विधान परिषद चुनाव में झटका लगने के बाद उसे एक और जोर का झटका लग सकता है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी का साथ निभा रही राष्ट्रीय समाज पार्टी के महादेव जानकर के भी साथ छोड़ने की चर्चा गरम है। हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुालाकात के बाद राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है।

एनसीपी की सफाई
रासप के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री महादेव जानकर की दोनों पवार से यह मुलाकात 3 दिसंबर को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सभागृह में हुई। इनकी यह बैठक करीब आधे घंटे तक चली। इस बैठक के बारे में बाद में एनसीपी विधायक रत्नाकर गुट्टे ने सफाई देते हुए कहा कि यह मुलाकात राजनैतिक नहीं थी, जानकर ने यह मुलाकात व्यक्तिगत कारणों से की थी। जानकर ने भी कहा कि इस बैठक के बारे में विधान सभा में विरोधी पक्ष और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को फोन पर बता दिया था।

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बीजेपी से नाराज हैं सहयोगी पार्टियां
शिक्षक और पदवीधर मतदार संघ के चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने चिंतन बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन सहयोगी पार्टी के नेताओं को नहीं बुलाया गया था। इस वजह से वे नाराज बताए जाते हैं। हालांकि सहयोग पार्टियों ने इस बात के इनकार किया है। उनका कहना है कि बीजेपी को अगर हार से बचने के लिए रणनीति बनानी होगी, तो उसे अपनी सहयोगी पार्टियों को साथ लेकर चलना होगा। कई सहयोगी नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड बोलते हुए कहा कि भविष्य के चुनाव में बीजेपी क्या रणनीति अपनाती है, इस पर हमारी नजर है।

चुनाव में बढ़ाई थी पवार परिवार की परेशानी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बारामती में महादेव जानकर ने पवार परिवार को चुनौती दी थी। वे सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में उतरे थे। इस वजह से पवार परिवार की परेशानी बढ़ गई थी। लेकिन अब बदलते राजनैतिक समीकरण के कारण वे खुद शरद पवार और अजित पवार से मिलने पहुंचे। हालांकि जानकर ने सीनियर और जूनियर पवार से यह मुलाकात क्यों की, इस रहस्य का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।

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