प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे एक्शन में हैं। मुख्यमंत्री योगी बुल्डोजर बाबा के रूप में सुर्खियां बटोर रहे हैं, तो वहीं उनके मंत्री की हिन्दुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश सुर्खियां बन रही है। दरअसल योगी सरकार में कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बीते दिनों एक बैठक में अफसरों को आदेश दिया है कि प्रदेश की जेलों में बंदियों को अब गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र सुनाया जाए। हालांकि अभी तक विभाग की तरफ से कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन मंत्री का यह आदेश प्रदेश में एक नयी बहस को जन्म दे सकता है। इसके लागू होने के बाद आने वाले संभावित परिणामों पर विशेषज्ञों की राय जानने की कोशिश की है। जानकारों का कहना है कि सरकार के इस पहल से बंदियों के दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ेगा और वह अच्छे रास्ते पर आएंगे।
जेलों में बंदियों को गायत्री मंत्र के साथ महामृत्युंजय मंत्र सुनाया जाएगा
कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बीते दिनों विभागीय बैठक में कहा है कि जल्द ही प्रदेश की जेलों में बंदियों को गायत्री मंत्र के साथ महामृत्युंजय मंत्र को सुनाया जायेगा। माना जा रहा है कि सरकार चाहती है कि बंदियों के मन और मस्तिष्क में सकारात्मक भाव पैदा हो। भविष्य में वह ऐसे किसी मार्ग का चयन न करें जो उन्हें जेल की दीवारों के पीछे लाए। हालांकि अभी यह बैठक में ही अधिकारियों से बोला गया है, इसको लेकर कोई भी शासनादेश जारी नहीं हुआ है। मंत्री के मौखिक आदेश के बाद ही कई जेल अधिकारियों ने इस पर तैयारी शुरू कर दी है।
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हिन्दुत्व नहीं बल्कि स्वास्थ्य हित में है यह कदम
योगी सरकार-2 बनने के बाद एक बार फिर हिन्दूत्व को बल मिल गया है। इसी के आधार पर सरकार के मंत्री काम भी करने लगे हैं। जेल में बंदियों को गायत्री मंत्र और महामृत्युंज मंत्र को सुनाये जाने का फरमान आने के बाद इसे भी हिन्दुत्व से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मनोचिकित्सक और योगाचार्य इसे बंदियों के लिए बेहतरी मान रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बंदियों में सकरात्मक भाव उत्पन्न होंगे। राजधानी लखनऊ में रहने वाले योगाचार्य अभय द्विवेदी का कहना है कि इस मंत्र से जेल का वातावरण शुद्ध होगा। दोनों महामंत्र विश्व में सबसे ज्यादा फ्रीक्वेंसी क्रिएट करते हैं। इस पर दुनिया भर में कई शोध आ चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह मंत्र सुनने के बाद बंदियों के मन और मस्तिष्क में सीधा असर पड़ेगा। उनमें सकरात्मक विचार आयेंगे। मंत्रोच्चारण के बाद उनमें धीरे-धीरे बदलाव भी देखने को मिलेगा। अगर ऐसा होता है तो सरकार का बेहतर कदम होगा।
क्या बोले मनोरोग चिकित्सक
बलरामपुर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला से बात की तो उन्होंने भी कहा कि सरकार की यह बहुत अच्छी पहल है। बकौल डॉ. देवाशीष आपको बता दें कि ओम् शब्द शरीर को एनर्जी देता है। पूरे वातारण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उसका असर वहां रहने वालों पर पड़ना स्वाभाविक है। अगर जेलों में मंत्रोच्चार होगा तो इसका असर कैदियों पर पड़ेगा। मंत्र के बहाने ही बंदियों को कुल माइंड में रहने की शक्ति मिलेगी। यह उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए हितकर होगा।