अजोय मेहता महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव और महारेरा के वर्तमान अध्यक्ष हैं। हिंदुस्थान पोस्ट ने सबसे पहले यह खबर दी थी कि मेहता को यह महत्पूर्ण पद मुख्यमंत्री कार्यालय की कृपादृष्टि के कारण मिला है। हिंदुस्थान पोस्ट ने 23 फरवरी 2021 को मेहता की नेम प्लेट के साथ यह खबर दी थी। लेकिन अब 3 महीने बाद ठाकरे सरकार ने उनके नाम के साथ प्रधान सलाहकार का लगाया गया बोर्ड हटा दिया है। सवाल यह है कि सरकार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया है? क्या मेहता मुख्यमंत्री कार्यालय में दखल दे रहे थे?
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आलोचना के बाद हटाई गई मेहता की नेम प्लेट
हिंदुस्थान पोस्ट ने फरवरी महीने में यह खबर दी थी। बाद में कई अखबारों ने भी यह खबर छापी थी। उसके बाद चारों तरफ आलोचना होने के बाद मेहता की नेम प्लेट हटा दी गई है। बता दें कि महाविकास आघाड़ी के कुछ मंत्रियों ने भी इस पर निजी तौर पर नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं, अजोय मेहता भले ही महाराष्ट्र महारेरा के अध्यक्ष बना दिए गए थे, लेकिन कुछ अधिकारी इस कारण नाराज थे क्योंकि वे अभी भी मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात थे। चूंकि मेहता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के खास अधिकारियों में से एक हैं, इसलिए उन्हें इस पद पर नियुक्त करने की भी चर्चा थी।
कौन हैं अजय मेहता?
- अजोय मेहता 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
- उन्होंने धुले के सहायक कलेक्टर (प्रोबेशनरी) के रूप में अपना प्रशासनिक करियर शुरू किया।
- उसके बाद सहायक कलेक्टर- अहमदनगर, नासिक जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नासिक महानगरपालिका के आयुक्त, अहमदनगर के कलेक्टर, मुंबई महानगरपालिका के संयुक्त आयुक्त (सुधार), केंद्र सरकार के बागवानी विभाग के निदेशक, महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक रहे।
- महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण के प्रबंध निदेशक, पुनर्गठित रत्नागिरी एयर एंड पावर बोर्ड में नियुक्त, प्रमुख सचिव, महाराष्ट्र राज्य ऊर्जा विभाग, अध्यक्ष, महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण रहे।
- महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, फरवरी 2009 से जनवरी 2015 तक महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक, पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव और उसके बाद अप्रैल 2015 से बीएमसी के आयुक्त रहे।
- 2019 में उन्हें राज्य के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद, मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रधान सलाहकार नियुक्त किया था। वे वर्तमान में महारेरा के अध्यक्ष हैं।