महाराष्ट्र में आए राजनीतिक तूफान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटील को अनिल देशमुख की जगह प्रदेश का गृह मंत्री बनाए जाने को स्वीकृति मिल गई है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के सामने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम और उच्च न्यायालय में उनकी याचिका पर आए आदेश के बाद संकट खड़ा हो गया था। परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई द्वारा प्रथामिक जांच करने का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिये जाने के बाद शरद पवार ने भी गृह मंत्री अनिल देशमुख के त्यागपत्र को अपनी स्वीकार्यता दे दी थी।
अनिल देशमुख के स्थान पर राकांपा प्रदेश अध्यक्ष और जल संपदा मंत्री जयंत पाटील, कामगार और राज्य उत्पादन मंत्री दिलीप वलसे पाटील और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के नाम की भी नए गृह मंत्री के रूप में चर्चा हो रही थी। लेकिन अंतत: दिलीप वलसे पाटील के नाम को सभी की मान्यता मिल गई है। मिला जानकारी के अनुसार दिलीप वलसे पाटील मंगलवार से पदभार स्वीकारेंगे। इसकी जानकारी हिंदुस्थान पोस्ट ने अपनी 21 मार्च, 2021 की खबर में ही दे दी थी।
इसलिए दिलीप वलसे पाटील के नाम पर विचार
दिलीप वलसे पाटील को गृह मंत्री बनाए जाने के पीछे उनकी इमेज को बताया जा रहा है। शांत, संयमी और राजनैतिक सूझबूझ रखने वाले दिलीप वलसे पाटिल एनसीपी की इस पद के लिए पहली पसंद माने जा रहे हैं। अगले एक-दो दिन में इस पद के लिए उनके नाम की घोषणा की जा सकती है।
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महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल
पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष इस मौके को किसी भी हालत में हाथ से नहीं जाने देना चाहता है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने जहां इस मामले में कथित रुप से हफ्ता वसूली का टारगेट देकर विवादों में फंसे गृह मंत्री अनिल देशमुख को हटाए जाने का मुद्दा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पाले में डाल दिया है, वहीं उन्होंने इस मामले में प्रदेश की महा आघाड़ी सरकार को किसी तरह के खतरे से इनकार किया है। दूसरी तरफ राज्य के विधानभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपना रुख और कड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि गृह मंत्री को जाना ही होगा।