महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राज्य में चर्चा चरम पर है। कांग्रेस द्वारा इस मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की मांग के बाद राज्य सरकार ने अब उस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। चूंकि यह चुनाव गुप्त मतदान से होगा, इसलिए राज्य सरकार पहले से ही एहतियाती कदम उठा रही है। इसके लिए ठाकरे सरकार लगातार बैठकें कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतों का विभाजन न हो।
सूत्रों के अनुसार भाजपा की ओर से भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार उतारा जा सकता है। इसके लिए भाजपा युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटी है।
गुप्त मतदान का डर
विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हाथ दिखाकर नहीं, बल्कि गुप्त मतदान से होता है। हालांकि प्रत्येक पार्टी को चुनाव के समय उपस्थित रहने के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार है, लेकिन गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के विधायकों को सरकार द्वारा ह्विप जारी नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर विधायक अवसर का लाभ उठाते हुए विश्वासघात करते हैं तो क्या होगा, ये डर शिवेसना को सता रहा है।
प्रदेश में आज भी जारी है कोरोना संक्रमण
पिछले सत्र से पहले 21 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनमें कुछ मंत्री और विधायक भी शामिल थे। अभी भी कोरोना संकट बना हुआ है और इसके नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का खतरा बरकरार है। इसलिए सत्र से पहले सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है। इस स्थिति में कुछ विधायक पॉजिटिव पाए गए तो क्या होगा, ठाकरे सरकार इस पर भी विचार कर रही है।
कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष?
विधानसभा का अध्यक्ष कौन होगा, यह तय करने के लिए तीनों दल फिलहाल बैठक कर रहे हैं। चर्चा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपनी पसंद का अध्यक्ष चाहती है। वह पहले ही कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण के नाम का विरोध कर चुकी है। अब सवाल यह है कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस किसे मैदान में उतारेगी? सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ऊर्जा मंत्री नितिन राउत और संग्राम थोपटे के नाम पर चर्चा कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भले ही शिवसेना और कांग्रेस ने व्हिप जारी किया हो, लेकिन राकांपा ने अभी तक अपने विधायकों को व्हिप नहीं जारी किया है। इसे लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया
विधान सभा के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे का कहना है कि राज्यपाल को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तिथि निर्धारित करने का अधिकार है। हालांकि, कैबिनेट की सिफारिश पर ही राज्यपाल द्वारा तारीख तय की जाती है। राज्यपाल के लिए कैबिनेट की सिफारिश के बाद तारीख तय करना अनिवार्य है। यह चुनाव गुप्त मतदान द्वारा किया जाता है।
महाविकास आघाड़ी का संख्या बल
शिवसेना – 56
राष्ट्रवादी – 53
कांग्रेस- 43
महाविकास आघाड़ी का समर्थन करने वाले दल
बहुजन विकास आघाड़ी – 3
समाजवादी पार्टी – 2
प्रहार जनशक्ति पार्टी – 2
माकपा – 1
शेकाप – 1
स्वाभिमानी पक्ष – 1
क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी – 1
स्वतंत्र – 8
भाजपा का संख्या बल
भाजपा – 106
जनसुराज्य शक्ति – 1
राष्ट्रीय समाज पक्ष – 1
स्वतंत्र – 5
कुल – 113
तटस्थ
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना – 1
एमआईएम-2