देश में जहां पेगासस जासूसी मामला तूल पकड़ रहा है, वहीं महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र के उन अधिकारियों की जांच करने के निर्देश दिए हैं, जो 2019 में फडणवीस सरकार के दौरान इजरायल गए थे। सरकार का कहना है कि जांच से पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। उद्धव ठाकरे के इस निर्देश से संबंधित अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है। इस जांच की आंच देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचने की आशंका है।
रडार पर कई अधिकारी
पेगासस स्पाईवेयर द्वारा कई राजनेताओं, पत्रकारों, व्यापारियों और अन्य हस्तियों के फोन टैप कराने के मामले उजागर होने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार मुश्किल में है। मॉनसून सत्र के पहले और दूसरे दिन विपक्ष ने इस मामले को लेकर खूब हंगामा किया। इस स्पाईवेयर के जरिए महाराष्ट्र में भी जासूसी कारने का दावा करते हुए राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि उस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का फोन टैप किया गया था।
बढ़ेगी फडणवीस की मुश्किल
2019 में फडणवीस सरकार के कार्यकाल में राज्य सरकार के कुछ अधिकारी चुनाव परिणाम आने के बाद इजराइल गए थे। उस मामले को लेकर अब विवाद बढ़ गया है। उन अधिकारियों को क्यों और किस उद्देश्य से इजरायल भेजा गया था? और किसने भेजा था, इस बारे में मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने प्रशासन को विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है।
इस वजह से फडणवीस की भी मुश्किलें बढ़ने की आशंका है।
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गंभीर मामला
बता दें कि 2017-18 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का कथित रुप से फोन टैप किया गया था। अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रहा है। राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि इस तरह की फोन टैपिंग से देश के महत्वपूर्ण लोगों की जानकारी दुश्मन देशों तक जा सकती है। फोन टैपिंग का मुद्दा नाना पटोले ने महाराष्ट्र के मानसून सत्र में भी उठाया था।
आरोप झूठा
प्रदेश की उद्ध ठाकरे के इस तरह के आरोप को पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने निराधार बताया है। फडणवीस ने कहा कि उनके कार्यकाल में किसी का भी फोन टैप नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारी कृषि और मीडिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इजरायल गए थे।