महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है। यह मुलाकात विधान परिषद के 12 विधायकों की नियुक्ति को लेकर होने की बात कही जा रही है। बैठक को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई । इसके साथ ही 12 विधानपरिषद सदस्यों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा हुई है। सीएम ठाकरे ने राज्यपाल से इस बारे में जल्द से जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया है। हालांकि राज्यपाल ने इस बारे में कोई भी आश्वासन नहीं दिया है। यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल से प्रदेश के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने उन्हें प्रदेश की कोरोना समेत अन्य तरह की समस्याओं से अवगत कराया। इसके साथ ही विधानपरिषद के भावी 12 विधायकों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उनसे इसे जल्द से जल्द मान्यता देने का अनुरोध किया, लेकिन राज्यपाल ने इस मामले में अभी भी सरकार को कोई आश्वासन नहीं दिया है। फिलहाल यह मुद्दा जल्द सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है।
राज्यपाल ने दिया था 1 सितंबर का समय
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के ठाकरे सरकार की नाक में दम कर रखा है। इसके मद्देनजर सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत गठबंधन के अन्य प्रमुख नेताओं ने राज्यपाल से मिलने का निर्णय लिया था। दरअस्ल वे राज्यपाल से मिलने का काफी पहले से ही प्रयास कर रहे थे, लेकिन राज्यपाल को समय नहीं मिल रहा था, इसलिए उनकी चिंता बढ़ गई थी। लेकिन आखिरकार राज्यपाल ने 1 सितंबर को मिलने के लिए समय दिया। ऐसे में इस बात को लेकर उत्सुकता बढ़ गई कि क्या अब दोनों में सुलह हो पाएगी? क्या विधान परिषद में 12 विधायकों की नियुक्ति का मसला सुलझ जाएगा?
मुलाकात का मुद्दा
राज्यपाल द्वारा विधान परिषद में नियुक्त किए जाने वाले 12 विधायकों की सूची को लेकर यह मुलाकात हुई। भविष्य के विधायकों की यह सूची पिछले आठ महीनों से राज्यपाल के पास लंबित है। बैठक में राज्यपाल से इस पर तत्काल हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया गया। हालांकि यह मामला फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय में है।
ये भी पढ़ेंः देश में 99 बंगाल तो उत्तर भारत में 33 केरल! जानिये, गांवों के नामकरण का गुणा-गणित
उच्च न्यायालय में मामला
सरकार का आरोप है कि इस मामले में राज्यपाल सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए मामला आखिरकार न्यायालय में पहुंच गया। हालांकि न्यायालय ने राज्यपाल की शक्तियों का अध्ययन करने के बाद कहा, ” जिस संवैधानिक पद पर राज्यपाल बैठे हैं, उस पद को देखते हुए हम उन्हें कोई आदेश नहीं दे सकते, लेकिन उन्हें 12 सदस्यों की सूची पर तत्काल फैसला लेना चाहिए।”
इसलिए नहीं हो सकी थी मुलाकात
यह बैठक पिछले सप्ताह 26 अगस्त को होने वाली थी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने का समय मांगा था। लेकिन वे चार दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र से बाहर थे। वे दिल्ली में कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उत्तराखंड चले गए थे। उत्तराखंड का दौरा करने के बाद राजभवन से सरकार को उनकी वापसी की जानकारी दी गई थी।