मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सांगली के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस बीच मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से संवाद साधते हुए आश्वस्त किया है कि किसी को मुसीबत में नहीं छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री से आशाएं लिए सांगली वालों के हाथ भी आश्वासन की पुड़िया ही लगी है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर थे। उनके साथ पूरा लाव लश्कर भी था। मुख्यमंत्री ने सांगली के भिलवडी तहसील के अंकलखोप, डिग्रस का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पर संकटों की श्रृंखला चल रही है। परंतु, आप लोग चिंतित न हों, ये सरकार आपको मझधार में नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि, मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक है आप लोगों के विषय में जो भी करना है वह करेंगे।
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मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी अंकलखोप येथे पूरग्रस्तांशी संवाद साधला;
आपत्तीनंतर तुम्हाला पायावर उभं करायची जबाबदारी आमची आहे.
ही अतीवृष्टी होण्याआधीपासूनच या संपूर्ण भागात कोरोनाचा संसर्ग खूप मोठ्या प्रमाणावर वाढलेला आहे. कृपा करून गर्दी करू नका. मास्क घालत राहा.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) August 2, 2021
हो रहा पंचनामा
राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का प्रशासन द्वारा पंचनामा किया जा रहा है। इस बीच बाढ़ के एक सप्ताह के बाद भी प्रभावितों के हाथ मात्र आश्वासन ही है। चार दिन पहले चिपलून के बाढ़ प्रभावितों के लिए दस हजार रुपए की राहत राशि को घोषणा की गई थी। परंतु, यह राशि अभी तक खाते में नहीं पहुंच पाई है। सिंधुदुर्ग के पालक मंत्री उदय सामंत ने कहा है कि इस राहत राशि के पहुंचने में अभी समय लगेगा।
राहत राशि को लेकर राज्य सरकार के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया है कि संकट आने पर पैकेज घोषित किये जाते हैं। यही हमारी प्रथा है। परंतु, वह पैकेज जाता कहां है किसी को नहीं पता। मुझे ऐसे झूठ बोलना नहीं आता। जो कुछ भी करना है वह पूरी प्रामाणिकता से किया जाएगा।
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