महाराष्ट्र में ठाणे महानगरपालिका चुनाव नजदीक आते देख राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी दल अपनी ताकत बढ़ाने की फिराक में जुट गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में 18 अक्टूबर को ठाणे में महाविकास आघाड़ी सरकार के दो घटक दल शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आमने-सामने आ गए। इस झड़प के बाद यहां शिवसेना और राकांपा के अलग-अलग चुनाव लड़ने की चर्चा गरम हो गई है।
इसलिए हुई झड़प
ठाणे के महापौर नरेश म्हस्के ने गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड द्वारा अपने निजी खाते से दिए गए 20 लाख रुपए के चेक को कैंसल कर दिया। साथ ही कलवा क्षेत्र में राकांपा द्वारा आयोजित टीकाकरण अभियान के बैनर को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने फाड़ दिया। इससे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद और ठाणे शहर के जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे तथा राकांपा नगरसेवक नाराज हो गए। वे सीधे महापौर कार्यालय पहुंच गए और उनके बीच गरमागरम बहस होने लगी। इससे कुछ देर के लिए वहांं तनाव का माहौल बन गया।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
राकांपा ने शिवसेना पर टीकाकरण कार्यक्रम को हाईजैक करने और इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, वहीं शिवसेना नेता और ठाणे के महापौर नरेश म्हस्के ने राकांपा पर आगामी चुनाव को देखते हुए स्टंट करने का आरोप लगाया है।
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शरद पवार का बयान अहम
बता दें कि राकांपा प्रमुख शरद पवार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आगामी महानगरपालिका चुनावों में महाविकास आघाड़ी में शामिल पार्टियां एक साथ मैदान में उतरेंगी या अळग-अलग, इस बारे में स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। वहां के नेता इस बारे में निर्णय लेंगे। ठाणे मनपा चुनाव से पहले यहां शुरू हुई महाविकास आघाड़ी की दो पार्टियों के बीच तकरार को देखकर लगता है कि यहां आघाड़ी की तीनों पार्टियां अपने-अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।