महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिला योजना समिति की बैठक में शिवसेना के दो गुट आपस में भिड़ गए। जिला योजना समिति की बैठक के दौरान निधि आवंटन को लेकर विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे कैबिनेट मंत्री संदीपन भुमरे और अब्दुल सत्तार से भिड़ गये। ठाकरे गुट के विधायक उदय सिंह राजपूत ने फंड नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। मंत्री संदीपन भुमरे और अब्दुल सत्तार ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन मामला बढ़ गया और अंबादास दानवे और राजपूत सत्तार-भूमरे पर टूट पड़े।
जिला योजना समिति की बैठक में आख़िर हुआ क्या ?
छत्रपति संभाजीनगर समाहरणालय में जिला योजना समिति की बैठक हुई। इस बैठक में जिले के विभिन्न तालुकाओं से आये जन प्रतिनिधि उपस्थित थे। ऐसे संकेत थे कि मानसून सत्र के बाद पहली जिला योजना समिति की बैठक हंगामेदार होगी। हुआ भी ऐसा ही। बैठक में फंड आवंटन को लेकर हंगामा हो गया।
ठाकरे गुट के विधायक उदय सिंह राजपूत ने शिकायत की थी कि उन्हें फंड नहीं मिल रहा है। इससे नाराज पालक मंत्री भूमरे और अब्दुल सत्तार ने विधायक राजपूत को खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया। इसके बाद अंबादास दानवे ने रुद्र रूप धारण कर लिया और अपनी कुर्सी से उठकर भुमरे-सत्तार पर टूट पड़े। दोनों नेताओं के बीच जोरदार बहस हो गई और मारपीटस होते-होते बची।
इस विवाद पर क्या बोले विधायक शिरसाट?
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने कहा, ”हर किसी को लगता है कि जब हम सत्ता में नहीं हैं, तब भी हमें अधिक फंड मिलना चाहिए। उनका विकास होना चाहिए, लेकिन यह अलिखित नियम है कि जो विधायक सत्ता में होता है, उसे अधिक फंड मिलता है। आपको पहले जो धनराशि दी गई थी उसमें कोई कमी नहीं की गई है। फिर भी आपको अधिक धन की आवश्यकता क्यों है? पालक मंत्री और अन्य सहयोगी संबंधित विधायकों को न्याय देने का प्रयास करते हैं। इस स्थिति में यदि आप आक्रामक होतो हैं तो कोई कैसै बर्दाश्त करेगा।”