महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के एक और नेता रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण दरेकर का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अहमदनगर से पार्टी के सांसद सुजय विखे पाटील का मामला गरमाने लगा है। समर्थकों का आरोप है कि दवा उपलब्ध कराने वाले सांसद को राजनीतिक राड़ा में फंसाने की साजिश हो रही है।
सांसद सुजय विखे पाटील ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में उन्होंने कहा था कि अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए वे चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए और अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उन्होंने रेमडेसिविर के 10 हजार इंजेक्शन हासिल किए। रेमडेसिविर के 10 हजार इंजेक्शन ऐसे वक्त में हासिल करने की बात चौंकाने वाली है। अब इस मामले मे बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में याचिका दायर की गई है।
इन्होंने दायर की है याचिका
मिली जानकारी के अनुसार नगर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कडु, चंद्रभान घोगरे, बालासाहब विखे और दादासाहब पवार ने यह याचिका दायर की है। इस याचिका की सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। लेकिन न्यायालय ने कहा है कि जब तक सुनवाई नहीं हो, तब तक संबंधित विभाग इस मामले में कार्रवाई कर सकता है।
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याचिकाकर्ताओं का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सुजय विखे पाटील के पास इन इंजेक्शन को खरीदने के लिए किसी प्रकार का कोई लाइसेंस भी नहीं था और न ही उन्होंने यह जानकारी दी है कि किस व्यक्ति या कंपनी से यह खरीदारी की गई है। क्या ये इंजेक्शन सांसद ने सरकारी चिकित्सालय में बांटे हैं या किसी और को, इस बात का कुछ हिसाब नहीं है।
ये है मांग
याचिका में मांग की गई है कि बिना किसी लाइसेंस व अधिकार के ये इंजेक्शन खरीदे गए हैं, इसलिए इस संबंध में मामला दर्ज किया जाए तथा इंजेक्शन का स्टॉक जब्त किया जाए। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश आर. वी. घुगे व बी. यू. देबडवार कर रहे हैं।