महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव है। वे लगातार राज्य के अनुरूप केंद्र की आर्थिक नीति का विश्लेषण करते रहते हैं। जीएसटी में भी उनका अच्छा अध्ययन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके इन्हीं गुणों पर ध्यान दिया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को आसान और सरल बनाने के लिए सुधारों को लेकर सुझाव देने हेतु उनकी अध्यक्षता में उपमुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों का एक पैनल बनाया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं अजित पवार
यह पैनल मंत्रियों के समूह द्वारा अनुशंसित और जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित सुधारों के कार्यान्वयन की निगरानी भी करेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी किया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के इस पैनल में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ, असम के वित्त मंत्री अजंता नियोग और छत्तीसगढ़ के व्यापार कर मंत्री टी. एस. सिंहदेव, ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी, तमिलनाडु के वित्त मंत्री डॉ. पलानीवेल थगराजन भी शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी अजित पवार को राष्ट्रीय स्तर पर ले आए, जबकि वे हमेशा कहा करते हैं कि वे अपने राज्य में ठीक हैं और केंद्र में नहीं जाना चाहते।
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क्या करेगा पैनल?
यह पैनल समय-समय पर मौजूदा मुद्दों पर सिफारिश करेगा, जैसे जीएसटी भुगतान प्रक्रिया का सरलीकरण, करदाताओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी का सत्यापन, कर चोरी की रोकथाम, कर प्रणाली को सरल, त्रुटीरहित बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का कुशल उपयोग, और केंद्रीय तथा राज्य कर अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए तंत्र विकसित करना आदि। यह पैनल मंत्रीयों और जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित सिफारिशों के समय पर कार्यान्वयन की निगरानी भी करेगा। पैनल के गठन का फैसला 17 सितंबर को जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में किया गया। इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया गया है।