जलयुक्त शिवार योजना के बाद अब फडणवीस के कार्यकाल में हुए इस काम की भी होगी जांच!

महाराष्ट्र सरकार के गठन के बाद 3387 करोड़ रुपए के कार्य का प्रस्ताव बिजली विभाग द्वारा पेश किए गए हैं। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत का कहना है कि जब पिछले 12 वर्षों में 19,000 करोड़ रुपए के काम किए गए हैं, तो फिर उन्ही कामों के लिए इतने पैसे की जरुरत क्यों पड़ रही है।

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महाराष्ट्र के बिजली विभाग ने 2014 से 2019 तक फडणवीस सरकार के पांच साल की अवधि के दौरान 6,500 करोड़ रुपए के बुनियादी ढांचे के काम की जांच करने का फैसला किया है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। उसे एक दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। फिलहाल राज्य की ठाकरे सरकार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार( तालाब) योजना की जांच करा रही है।

एमएसईडीसीएल ने राज्य में बिजली वितरण प्रणाली में सुधार के लिए पिछले 14 वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास के कई कार्य किए हैं। 2007 से 2014 तक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट 1 के तहत 12,000 करोड़ रुपए के काम किए गए, जबकि 2014 से 2019 तक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट II के तहत 6,500 करोड़ रुपए के काम किए गए। इनमें 11 केवी हाई वोल्टेज लाइन बिछाना, नए ट्रांसफार्मर लगाना, नए बिजली सबस्टेशन बनाना आदि शामिल हैं।

ऊर्जा मंत्री ने उठाया मुद्दा
महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के बाद 3387 करोड़ रुपए के कार्य का प्रस्ताव बिजली विभाग के कामों के लिए पेश किए गए हैं। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत का कहना है कि जब पिछले 12 वर्षों में 19,000 करोड़ रुपए के काम किए गए हैं, तो फिर उन्ही कामों के लिए इतने पैसे की जरुरत क्यों पड़ रही है। इसलिए उन्होंने अधिकारियों को इसकी जांच करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि इसमें कई जगह गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।

अधिकारियों ने दी जानकारी
एमएसईडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि बिजली विभाग के स्थानीय ठेकेदारों और अधिकारियों ने साजिश रच कर 2 करोड़ रुपए के फर्जी बिल बनाकर पैसे निकालने की कोशिश की। अधिकारियों ने 9 नवंबर को ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के समक्ष यह टिप्पणी की। राउत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं। संपर्क करने पर नितिन राउत ने पुष्टि की है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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जांच समिति का गठन
बिजली विभाग ने 2014 और 2019 के बीच बिजली वितरण में सुधार के लिए किए गए बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। इसके लिए वित्त निदेशक रवींद्र सावंत की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की गई है। इस समिति के सदस्य एमएसईडीसीएल के निदेशक संचालन, निदेशक परियोजना, मुख्य अभियंता संरचना, निगमों के मुख्य अभियंता और एमएसईडीसीएल के कार्यकारी निदेशक (संचालन) होंगे।

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