महाराष्ट्रः प्रदेश में शिंदे मुख्यमंत्री, लेकिन बीएमसी में है किसका वजन? जानिये, इस रिपोर्ट में

मुंबई महानगरपालिका देश की सबसे अमीर मनपा मानी जाती है। इस मनपा मे इसी वर्ष चुनाव होना है।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, लेकिन मुंबई महानगरपालिका में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भारी साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बालासाहेब की पार्टी शिवसेना के तीन पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष हैं, लेकिन वे अपने साथ आए नगरसेवकों के वार्डों में जहां धन का आवंटन नहीं कर सके, वहीं भाजपा ने अपने पार्षदों के वार्डों में 3-3 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की। इनमें 77 चुने गए और दो मनोनीत नगरसेव शामिल हैं। इससे बीजेपी की चालाकी का पता चलता है। उसने सहयोगी पार्टी शिंदे गुट को फायदा पहुंचाने की कोशिश नहीं की। देखने में आ रहा है कि प्रशासक ने भाजपा के पूर्व पार्षदों के वार्ड को फंड आवंटित कर अन्य विपक्षी दलों को पीछे करने की कोशिश की है, जिससे एक तरह से भाजपा और बालासाहेब की शिवसेना में नाराजगी फैलने की बात कही जा रही है।

चूंकि मुंबई महानगरपालिका का कार्यकाल 7 मार्च, 2022 को समाप्त हो गया था, इसलिए सरकार ने प्रशासक नियुक्त किए और चूंकि कोई नगरसेवक नहीं था, इसलिए मनपा प्रशासन ने जनता के साथ-साथ पूर्व नगरसेवकों से सिफारिशें और सुझाव मांगे। इसके अनुसार भाजपा के बीएमसी के पूर्व नेता प्रभाकर शिंदे ने 23 जनवरी 2023 को मनपा आयुक्त व प्रशासक इकबाल सिंह चहल से मुलाकात कर 2023-24 के बजट अनुमान के संबंध में पत्र दिया। इसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि 77 नगरसेवकों और 2 मनोनीत नगरसेवकों के वार्डों में विभिन्न नागरिक कार्यों के लिए बजट में प्रत्येक को 3 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया जाएं। इसके अनुसार प्रशासन ने स्पष्ट किया कि 77 वार्डों में कुल 231 करोड़ रुपये तथा वार्डों में कुल 231 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

 शेष 150 वार्डों के लिए किसी भी दल के पूर्व गुट नेताओं से ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। हालांकि, प्रशासन ने बताया कि उसने वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में 10 मनोनीत नगरसेवकों के लिए 150 करोड़ रुपये और कुल 14 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है, जिसमें विभिन्न ढांचागत, बुनियादी और नागरिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बालासाहेब की शिवसेना पार्टी में सांसद राहुल शेवाले, विधायक सदा सरवणकर के साथ यशवंत जाधव तीन पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष हैं। वे जानते थे कि हमारे साथी पार्षदों या पसंदीदा वार्डों को पर्याप्त धन कैसे आवंटित किया जाए। फिर भी, मुख्यमंत्री बालासाहेब की शिवसेना पार्टी के अपने समर्थक नगरसेवकों के वार्डों में पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं करा पाई है।

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