महाराष्ट्र सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं को इस बजट में शामिल कर लिया गया है। अष्टविनायक सड़क को जोड़ने के कार्य के लिए सुधीर मुनगंटीवार ने आधी रकम दी। इस तरह सरकार ने बजट में करिश्मा दिखाने का प्रयास किया है। लेकिन कोरोना काल में सड़कों पर रहनेवाले बेघर, छोटे व्यापारियों और मजदूरों के लिए बजट में कुछ नहीं है।
फडणवीस ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर राज्य सरकार प्रति लीटर 27 रुपए वसूलती है। गुजरात की अपेक्षा महाराष्ट्र में पेट्रोल 10 रुपए महंगा है। सरकार चाहती तो अपने टैक्स कम कर वह इसे सस्ता कर लोगों को राहत पहुंचा सकती थी।
एक विशेष भाग का बजट
बता दें कि 8 मार्च को राज्य का बजट उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में पेश किया। इस बारे में फडणवीस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट पूरे महाराष्ट्र का न होकर एक विशेष भाग का है। दो लाख तक के फसल उपजानेवाले किसानों को सरकार ने किसी तरह से राहत नहीं पहुंचाई। ओला और अन्य तरह से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं, उनके लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन लाख तक किसानों को शून्य ब्याज पर कर्ज देने की घोषणा भी भ्रामक है। ये सिर्फ घोषणा मात्र है। इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रोजेक्ट पहले के ही हैं और वे केंद्र के प्रोजेक्ट हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार केंद्र की आलोचना करती है और उसके प्रोजेक्ट को अपना बताती है।
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क्या बजट सिर्फ मुंबई का है?
फडणवीस ने पूछा कि ये महाराष्ट्र का बजट है या सिर्फ मुंबई का? उन्होंने कहा कि बजट में ज्यादातर मुंबई की योजनाओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासियों के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किए जाने पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
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स्मारकों को भूल गई सरकार
फडणवीस ने कहा कि महिलाओं के लिए योजनाएं लाने के लिए सरकार का स्वागत, लेकिन इसमें भी कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। राज्य के लिए किसी नई योजना की घोषणा नहीं की गई। छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक पर न्यायालय ने स्थगिति दी है। इस स्मारक को सरकार भूल गई। शिव स्मारक, इंदू मिल स्मारक, अण्णाभाऊ साठे, लहूजी सालवे इन सभी स्मारकों को सरकार भूल गई।