महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। राज्यपाल ने कुछ दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज समेत महापुरुषों के बारे में बयान दिया था। उसके बाद से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया। लगातार मांग की जा रही थी कि राज्यपाल माफी मांगें और वह पद से इस्तीफ दें। लेकिन अब राज्यपाल ने पहली बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं महापुरुषों का अपमान के बारे में कभी स्वप्न में भी नहीं सोच सकता।
राज्यपाल ने पत्र में कही यह बात
राज्यपाल द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि मेरे भाषण को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश कर उसका फायदा उठाया। मैंने कहा कि जब मैं पढ़ रहा था तो महात्मा गांधीजी, पंडित नेहरूजी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि को छात्र आदर्श मानते थे। ये सभी रोल मॉडल हैं, लेकिन युवा भी मौजूदा पीढ़ी में रोल मॉडल की तलाश करते हैं। इसलिए मैंने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर हाल के नितिन गडकरी भी रोल मॉडल हो सकते हैं। इसका मतलब यह भी था कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, होमी भाभा भी युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हो सकते हैं।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों को राष्ट्र को किया समर्पित, कही यह बात
छत्रपति शिवाजी महाराज देश की शान
आज का युवा यदि विश्व में भारत का नाम रोशन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानता है तो इसका मतलब यह नहीं कि महापुरुषों का अपमान करना है। इसमें कोई तुलना भी नहीं हो सकती है। जहां छत्रपति शिवाजी महाराज की बात है तो वे महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शान हैं। राज्यपाल ने आगे लिखा कि मैंने इस उम्र में जब कोरोना काल में बड़े-बड़े लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे उस समय मैंने शिवनेरी, सिंहगढ़, रायगढ़, प्रतापगढ़ जैसे तीर्थों का पैदल ही दर्शन किया। मैं छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे वीर पुत्र को जन्म देने वाली पूज्यनीय जिजाऊ माता की जन्मस्थली सिंदखेड राजा का भी दर्शन किया। मेरे कहने का तात्पर्य यह था कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमेशा प्रेरणा के स्त्रोत हैं।
पत्र में 2016 का भी किया जिक्र
राज्यपाल ने पत्र में आगे लिखा कि आदरणीय अमित जी, जैसा कि आप जानते हैं, 2016 में जब आप हल्दानी में थे, तो मैंने 2019 के कोई चुनाव न लड़ने व राजनीतिक पदों से दूर रहने की इच्छा व्यक्त की थी। मैंने महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्यपाल का पद प्रधानमंत्री और आप द्वारा किए गए विश्वास और प्यार के चलते स्वीकार किया। अगर मुझसे कभी कोई अनजाने में गलती हो जाती है, तो मैं खेद व्यक्त करने या तुरंत माफी मांगने में कभी नहीं हिचकिचाता। मुगल काल में साहस त्याग और बलिदान का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंहजी, छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महापुरुषों का अपमान करने के बारे में मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता।