मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान देने वाले शिवसेना (यूबीटी) समूह के नेता और पूर्व महापौर दत्ता दलवी को 29 नवंबर को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 12 दिसंबर तक न्यायिक कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। इसके बाद दत्ता दलवी के वकील ने जमानत के लिए आवेदन किया, लेकिन 29 नवंबर को पुलिस का पक्ष न मिलने की वजह से दलवी को जमानत नहीं मिल सकी।
मुख्यमंत्री शिंदे के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान देने का मामला
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान देने पर दत्ता दलवी को पुलिस ने 29 नवंबर की सुबह उनके विक्रोली स्थित आवास से गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस दत्ता दलवी को कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने दलवी को 12 दिसंबर तक न्यायिक कस्टडी में भेज दिया। इसके बाद दलवी के वकील ने कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दिया, लेकिन पुलिस की ओर से लिखित उत्तर न मिलने की वजह से दलवी को आज जमानत नहीं मिल सकी। ठाकरे समूह के विधायक सुनील राऊत ने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर लिखित जवाब नहीं दिया। इस संबंध में वे पुलिस उपायुक्त से बात करेंगे।
मुझे अपने बयान पर कोई दुख नहींः दलवी
दत्ता दलवी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के विरुद्ध कोई गलत बयान नहीं दिया है। मैं बालासाहेब ठाकरे का कट्टर शिवसैनिक हूं। मैं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम कर रहा हूं। मुझे अपने बयान पर कोई दुख नहीं है, क्योंकि मैंने आनंद दिघे के साथ काम किया है। मैंने वही शब्द बोले हैं, जो आनंद दिघे के लिए फिल्म ‘धर्मवीर’ में इस्तेमाल किए हैं। इन शब्दों पर फिल्म धर्मवीर के निर्माता पर मामला दर्ज नहीं किया गया है। मैंने कोई गंदे शब्द का प्रयोग नहीं किया। मैंने मुख्यमंत्री को कोई गाली नहीं दी।”
संजय राउत ने की मुख्यमंत्री की आलोचना
सांसद संजय राऊत ने दत्ता दलवी की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कड़े शब्दों में आलोचना की है। राऊत ने कहा कि “दत्ता दलवी का अपराध क्या है? उन्होंने भांडुप में एक सभा में महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएं व्यक्त कीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में या उनके साथ गद्दार हृदय सम्राट स्वयं को हिंदू हृदय सम्राट कह रहे हैं। सभी हिंदू इस पर आपत्ति जताते हैं। वास्तव में देशद्रोही हृदय सम्राटों द्वारा स्वयं को हिंदू हृदय सम्राट समझना वीर सावरकर और बाला साहेब ठाकरे का अपमान है। इसके लिए एकनाथ शिंदे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”