महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को वित्तीय मदद देने के बजाय उसे लूटने का हमेशा प्रयास होता रहा है। इसी वजह से देश का सबसे अमीर माना जाने वाला मुंबई नगर निगम आम नागरिकों को बेहतर सुविधा देने में विफल रहा है।
सोने की मुर्गी को लूटा
देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि मुंबई नगर निगम को सत्ताधारियों ने सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझा और इसे लूटने का ही प्रयास किया है। कोरोना कालखंड में हर व्यक्ति परेशान था, लेकिन मुंबई नगर निगम इस कठिन समय में भी कांट्रेक्ट देने के नाम पर लूट जारी रखी। मुंबई नगर निगम के स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव के घर छापा पड़ा तो पहले 130 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। अब यह घोटाला 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
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आधे घंटे में 6 हजार करोड़ रुपये का ठेका
स्थाई समिति में अंतिम दिन सिर्फ आधे घंटे में 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक के काम ठेकेदारों को बांट दिए गए, लेकिन मुंबई के सबसे अहम नाला सफाई के काम का ठेका अभी तक नहीं दिया गया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो भी मुंबई नगर निगम के इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध बोलता है, उसे महाराष्ट्र द्रोही बताने का प्रयास किया जाता है। अब राज्य तथा मुंबई की जनता यह सब समझ रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी।