2010 में येरवडा में पुणे पुलिस द्वारा तीन एकड़ जमीन की नीलामी डिविजनल कमिश्नर द्वारा की गई थी। तत्कालीन पालक मंत्री अजीत पवार ने इस जमीन को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था, हालांकि, पूर्व पुलिस आयुक्त मीरा बोरवणकर ने खुलासा किया है कि जमीन के हस्तांतरण से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया था कि यह भूखंड पुलिस कार्यालयों और घरों के लिए जरूरी है।
मीरा बोरवणकर ने अपनी आने वाली किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में पुलिस बल के अपने अनुभव को बताया है। पुस्तक के एक अध्याय में पुणे के तत्कालीन पालक मंत्री द्वारा येरवडा में एक रणनीतिक स्थान के हस्तांतरण का आदेश देने की घटना के बारे में जानकारी दी गई है। बोरवणकर ने पुस्तक के इस अध्याय में सीधे तौर पर नाम न लेकर अजीत पवार को ‘दादा’ कहा है।
तरह-तरह की आईं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
बोरवणकर के खुलासे के बाद तरह-तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई लोगों ने इसकी जांच की मांग की है। अब इस पर विधायक रोहित पवार ने भी टिप्पणी की है, “मैं जांच के दायरे में हूं, तो सत्ता में बैठे लोगों की जांच शुरू करने में क्या गलत है?”
“सत्ता में बैठे लोगों की जांच शुरू करने में क्या गलत है?”
रोहित पवार ने कहा, ” वे काफी प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। उन्होंने किताब लिखी है। इसलिए सरकार को आरोपों को स्वीकार कर लेना चाहिए। किसने कितनी जमीन ली, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कौन है, इसके बजाय युवाओं पर चर्चा करने की जरूरत है। लेकिन, विभिन्न स्वायत्त निकायों द्वारा मेरी जांच की जा रही है। अगर मेरी जांच हो रही है, तो सत्ता में बैठे लोगों को जांच शुरू करने में क्या दिक्कत है?’
बोरवणकर ने किताब में क्या लिखा?
पुणे पुलिस के पास येरवडा में एक रणनीतिक स्थान पर तीन एकड़ जमीन है। 2010 में तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर ने मुझे फोन किया और कहा, ‘दादा आपसे मिलना चाहते हैं।’ इसके बाद मैं संभागीय आयुक्त कार्यालय गई। उस समय येरवडा में स्थित तीन एकड़ जमीन को लेकर चर्चा चल रही थी। यह जगह पुणे पुलिस की है, भविष्य में पुणे के बढ़ते विस्तार के साथ यह जगह पुलिस के लिए उपयोगी होगी। इसी स्थान पर पुलिस कार्यालय बनाया जाएगा। बोरवणकर ने कहा, ”वहां एक पुलिस कॉलोनी बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन था।” बोरवणकर ने इस किताब में यह भी जानकारी दी है कि उस वक्त के पालक मंत्री ने कहा था कि इस जगह की नीलामी से सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा।