महाराष्ट्र के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि केंद्र सरकार मुंबई सहित समूचे राज्य के साथ भेदभाव कर रही है। राज्य सरकार के बकाया 6340 करोड़ रुपये जीएसटी की रकम अभी तक केंद्र सरकार ने राज्य को नहीं दी है। साथ ही, महाराष्ट्र के उद्योगधंधों को भी गुजरात ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
सुभाष देसाई ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि केंद्र सरकार लगातार महाराष्ट्र के साथ भेदभाव कर रही है। राज्य सरकार के हक का 6340 करोड़ रुपये अभी तक केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को नहीं दिया है। कोरोना का सबसे अधिक संकट महाराष्ट्र पर था। राज्य में कोरोना के सर्वाधिक कोरोना मरीज थे, लेकिन केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को अन्य राज्यों की तुलना में कम रेमडेसिवीर इंजेक्शन दिया। 2014 से 2021 तक महाराष्ट्र को सिर्फ दो मेडिकल कॉलेज मिले और इसके लिए 263 करोड़ रुपये का फंड मिला, जबकि इसी दौरान उत्तरप्रदेश को 27 मेडिकल कालेज व 2700 करोड़ रुपये फंड मिला है।
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उद्योगों को भेज रहे
सुभाष देसाई ने कहा कि पिछले दो साल से कोरोना का संकट होने के बाद भी राज्य सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये के उद्योग राज्य में लाया है। इसके विपरीत केंद्र सरकार महाराष्ट्र में आए उद्योगों को गुजरात भेजने का कुटिल प्रयास कर रही है। इस तरह का प्रयास जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब भी हो रहा था, लेकिन देवेंद्र फडणवीस चुप बैठे थे, हम चुप नहीं बैठेंगे।
हो रहा भेदभाव
सुभाष देसाई ने कहा कि मनपसंद सरकार न होने की वजह से केंद्र सरकार महाराष्ट्र पर लगातार भेदभाव कर रहा है। इसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा नेता भी केंद्र सरकार के इस भेदभाव पर आवाज नहीं उठा रहे हैं, इसका कारण पार्टी में उनपर कार्रवाई की जाएगी और पद छीन जाएगा।