हमेशा अपने स्वभाव से विवादों में घिर जानेवाली महाराष्ट्र की महिला व बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर को बड़ा झटका लगा है। वे 2012 में पुलिस कांस्टेबल को चाटा मारने के मामले में दोषी पाई गई हैं। इस मामले में यशोमती के साथ तीन अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया गया है।
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अमरावती सत्र न्यायालय ने आठ साल पुराने मामले में महाराष्ट्र सरकार की मंत्री और प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष यशोमती ठाकुर को 3 महीने की सजा और 15 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। यह मामला 2012 का है जब अंबाबाई मंदिर के पास नो एंट्री में प्रवेश पर उन्हें वहां तैनात यातायात पुलिस कांस्टेबल उल्हास रौराले ने रोका था। यह विवाद इतना बढ़ा कि यशोमती ठाकुर ने पुलिस कांस्टेबल को तमाचा जड़ दिया। यह पहली बार नहीं है जब यशोमती ठाकुर का नाम किसी ऐसे प्रकरण में आया है। उनका विवादों से चोली दामन का साथ है।
पुलिस पिटाई के मामले में दोषी पाए जाने के बाद यशोमती ठाकुर का मंत्री पद और विधायकी दोनों ही जा सकती है। हालांकि उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है लेकिन जानकारों के अनुसार उनका मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है।
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