महाराष्ट्र में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण रद्द किए जाने को लेकर मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में 5 जुलाई को खूब हंगामा हुआ। इसी मुद्दे पर सत्र के दौरान हंगामा करने पर भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया। कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है।
बता दें कि सत्तारुढ़ दलों द्वारा राज्यपाल को विधानपरिषद के लिए प्रस्तावित 12 सदस्यों की सूची भेजी गई है, लेकिन उस पर राज्यपाल ने अभी तक मुहर नहीं लगाई है। इसी कारण 12 विधायकों को निलंबित करने का आरोप लगाया जा रहा है। अब इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सरकार का पक्ष रखा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विपक्षी विधायकों का निलंबन बदले की भावना से नहीं की गई है।
आरोप निराधार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने सत्ताधारी 12 विधायकों को लंबित रखा है, इसलिए भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित करने का आरोप निराधार है। ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कुछ गलतियां कीं। उनमें से कुछ ने अपनी गलती मानी भी है। लेकिन 12 के बदले 12 जैसी कोई बात नहीं है। अजित पवार ने कहा कि अगर उनके 18 विधायकों ने हंगामा किया होता तो 12 के बजाय 18 विधायकों को निलंबित कर दिया जाता।
भास्कर जाधव की प्रशंसा
तालिका अध्यक्ष के रूप में पवार ने भास्कर जाधव के संयम की सराहना की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भास्कर जाधव का स्वभाव भी मेरे जैसा ही है। उन्हें गुस्सा ज्यादा आता है। इसके बावजूद, वे शांत थे। इतनी सारी उलझनों के बीच अपशब्दों के प्रयोग के बावजूद वे चुप रहे। पवार ने कहा कि शिवसैनिक होने के बावजूद उन्होंने कोई बल प्रयोग नहीं किया।
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केंद्र द्वारा दी जाए 3 करोड़ वैक्सीन
पवार ने कहा कि राज्य में प्रति माह 4.5 करोड़ टीकाकरण की क्षमता है, लेकिन दोनों सदनों में एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि केंद्र द्वारा राज्य को कम से कम हर माह 3 करोड़ टीके दिए जाएं। पवार ने यह भी कहा कि ओबीसी और मराठा आरक्षण के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
महामंडलों के लिए वित्तीय प्रावधान
पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी महामंडलों के लिए पर्याप्त आर्थिक प्रावधान करने के लिए कहा था, इसलिए पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर महामंडल के लिए 19 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। फुले आदिवासी विकास महामंडल, रोहिदास चर्मकार विकास महामंडल, अन्नासाहेब पाटील आर्थिक महामंडल, मौलाना आजाद अल्पसंख्यक विकास महामंडल समेत अन्य मंडलों के लिए भी आर्थिक प्रावधान किए गए हैं।
दो दिवसीय सत्र के दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
- 23,149 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगों में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा फंडिंग
- मराठा आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करने का प्रस्ताव
- ओबीसी आरक्षण के लिए केंद्र सरकार से इंपीरिकल डेटा प्राप्त करने का प्रस्ताव
- 2014 के ईएसबीसी उम्मीदवारों को बड़ी राहत देते हुए तत्काल नियुक्ति और आयु सीमा में वृद्धि का प्रस्ताव
- महाराष्ट्र आयोग के माध्यम से वर्ग एक और वर्ग दो के 15 हजार 515 पद भरे जाएंगे
- आयोग के सदस्यों के रिक्त पदों को 31 जुलाई तक भरा जाएगा
- केंद्र सरकार के कृषि कानूनों में संशोधन कर नया बिल पेश