महाराष्ट्र (Maharashtra) की एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) के लिए 11 मई का दिन अहम रहने वाला है। शिवसेना विधायकों (Shiv Sena MLAs) की अयोग्यता (Disqualification) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कल सुना सकता है फैसला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने 10 मई को कहा कि कल संविधान पीठ के दो बड़े फैसले आएंगे। शिवसेना-बीजेपी के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) इस बड़े फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) की दिशा तय करेगा।
बागी विधायकों के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने विधायक को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी। हालांकि एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों ने उपाध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्टे की मांग की थी। एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि कुछ विधायक पहले ही उपाध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव ला चुके हैं, ऐसे में वे विधायकों के निलंबन पर फैसला नहीं ले सकते। करीब 9 महीने तक चली सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ठाकरे गुट का बयान. . .
ठाकरे समूह के वकीलों ने संविधान के अनुच्छेद 10 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि अगर विधायकों के एक समूह ने दो तिहाई से अधिक विद्रोह किया, तो उन्हें एक या दूसरे दल में विलय करना होगा। लेकिन शिंदे और उनके समूह ने ऐसा नहीं किया। इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष पर अविश्वास पर उठाए गए सवाल को भी ठाकरे गुट ने गलत ही समझा।
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The Constitution Bench of the Supreme Court is likely to deliver the judgment on the Maharashtra political crisis tomorrow
CJI DY Chandrachud says we are going to be delivering two judgments tomorrow. pic.twitter.com/ussIowOaOm
— ANI (@ANI) May 10, 2023
शिंदे गुट का बयान. . .
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिंदे गुट के वकीलों ने कहा कि उनके विधायकों ने पार्टी में बगावत नहीं की, वे अब भी शिवसेना में हैं और पहले भी शिवसेना में थे। इसलिए संविधान की दसवीं अनुसूची का हवाला देकर इसे बाहर करने की मांग निराधार है। एकनाथ शिंदे शिवसेना पार्टी की विधानसभा में गुट के नेता हैं। बहुमत उनके पास है ऐसे में विधायकों का कोरम पूरा किए बगैर ही उन्हें गैरकानूनी तरीके से हटाने की कोशिश उद्धव ठाकरे ने की।
इन 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग
याचिका में एकनाथ शिंदे, भरतशेट गोगावले, संदिपानराव भुमरे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, बालाजी किणीकर, तानाजी सावंत, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमूलकर और बालाजी कल्याणकर, को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।