Maharashtra Politics: अजीत पवार नहीं छोड़ेंगे महायुति का साथ, विधानसभा चुनाव में मांगेगे ‘इतनी’ सीट

वैसे तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर होगी, लेकिन संकेत हैं कि मनसे और वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ ही तीसरा गठबंधन होने से चुनाव और दिलचस्प हो जाएगा।

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अजीत पवार

Maharashtra Politics: अब यह साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर भले ही महागठबंधन में मतभेद हैं, लेकिन अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महागठबंधन से बाहर नहीं आएगी। सूत्रों ने कहा कि पवार ने 288 में से 75 सीटें हासिल करने और 4-5 सीटें बदलने का लचीलापन दिखाया है।

दिलचस्प होगा चुनाव
वैसे तो विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर होगी, लेकिन संकेत हैं कि मनसे और वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ ही तीसरा गठबंधन होने से चुनाव और दिलचस्प हो जाएगा।

75 सीटों की मांग
एक ओर जहां महाविकास अघाड़ी में टूट की संभावना दिख रही है, वहीं यह भी देखा जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महागठबंधन में बीजेपी, शिवसेना और अजीत पवार के बीच समन्वय बनाने की भूमिका निभाई है। सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के 150-160 सीटों, शिवसेना (शिंदे) के 60-70 और एनसीपी के 60-65 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है, हालांकि, एनसीपी 75 सीटों की मांग कर रही है और 60-65 पर अंतिम फैसला हो सकता है। साथ ही खुद पवार ने 4-5 सीटें बदले जाने की भी संभावना जताई है।

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पार्टी नेताओं के सामने स्पष्ट की है भूमिका
समझा जाता है कि अजीत पवार ने पार्टी नेताओं के सामने अपना रुख साफ कर दिया है कि अगर उन्हें सत्ता में बने रहना है तो बीजेपी के साथ तालमेल बिठाना होगा, भले ही उनकी पार्टी की ओर से उन पर ज्यादा सीटों को लेकर काफी दबाव है। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस को छगन भुजबल की 80-90 सीटों की मांग वाली भाषा छोड़नी होगी। एक नेता ने बताया कि भुजबल जैसे नेताओं को महागठबंधन में रखना अजीत पवार के लिए बड़ी चुनौती है।

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