Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त होने संबंधी बयान दिए जाने के बाद, महा विकास अघाड़ी के एक वरिष्ठ नेता के भाजपा में प्रवेश को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इन चर्चाओं में वरिष्ठ एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटील का नाम लिया जा रहा है।
भाजपा से इतनी नजदीकी क्यों?
जयंत पाटील ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सांगली के राजारामबापू शिक्षा संस्थान में एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। इससे उन अफवाहों को और बल मिला है कि वह भाजपा के संपर्क में हैं।
जयंत पाटील के भाजपा में शामिल होने की संभावना क्यों ?
जयंत पाटील और भाजपा के बीच तालमेल की चर्चाएं 2019 से चल रही हैं। तब भी उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं थीं। हालांकि, उस समय अजीत पवार ने बगावत कर दी और सत्ता के लिए समझौता फार्मूला खोज लिया थी। जयंत पाटील एनसीपी के साथ बने रहे। हालांकि, वर्तमान स्थिति अलग है।
भाजपा में प्रवेश के पीछे संभावित कारण:
प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर टकराव – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर रोहित पवार और जयंत पाटील के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
चीनी मिलों को वित्तीय सहायता की आवश्यकता- जयंत पाटील के निर्वाचन क्षेत्र और सहकारी चीनी मिलों को धन की आवश्यकता है।
वोटों का अंतर कम हुआ – इस्लामपुर निर्वाचन क्षेत्र, जहां से सात बार चुने गए हैं, में वोटों का अंतर 70,000 से घटकर 12,000 रह गया है। इसलिए, भविष्य की राजनीतिक गणनाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने सत्ता को मजबूत करना महत्वपूर्ण समझा होगा।
मंत्री पद का अवसर – यदि वह भाजपा में शामिल होते हैं तो उन्हें मंत्री पद मिलने की संभावना है।
जयंत पाटील के भाजपा में शामिल होने से किसे फायदा होगा?
अगर जयंत पाटील भाजपा में शामिल होते हैं तो पश्चिमी महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। भाजपा को एनसीपी के गढ़ सांगली, कोल्हापुर और सतारा में बड़ी बढ़त मिल सकती है। चूंकि जयंत पाटील का कृषक समुदाय पर प्रभाव है, इसलिए भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मजबूती हासिल कर सकती है।
मौन क्यों?
महा विकास अघाड़ी में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लोकसभा चुनाव में अच्छी सफलता मिली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी के नतीजे निराशाजनक रहे। हार के बाद जयंत पाटील ने ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी और पार्टी की आंतरिक बैठक में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा भी जताई थी। उन्होंने आठ दिन का समय मांगा था, लेकिन एक महीने बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।
जन्मदिन के बाद बड़ा फैसला?
जयंत पाटील 16 फरवरी को अपना जन्मदिन मनाएंगे। इसके बाद 17 फरवरी को सांगली में आरआईटी कॉलेज की नई बिल्डिंग का उद्घाटन नितिन गडकरी करेंगे। यह घटना जयंत पाटील और भाजपा नेताओं के बीच निकटता को उजागर कर सकती है। तो क्या वह अपने जन्मदिन के बाद भाजपा में शामिल होंगे? सबका ध्यान इस ओर है।
जयंत पाटील की चुप्पी से उनके करीबी समर्थकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कहा जा रहा है कि अगर वह पार्टी बदलने का फैसला करते हैं तो वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) की बजाय भाजपा को प्राथमिकता देंगे। हालांकि, उनका निर्णय उनकी चुप्पी टूटने के बाद ही अंतिम माना जाएगा।
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