Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की प्रशंसा की। इसका असर अगली सुबह ही महाराष्ट्र में महसूस किया गया। कहा जा रहा है कि पवार ने ‘एक तीर, तीन निशान’ का खेल खेला, जबकि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उबाठा को इस तीर ने बेचैन कर दिया है।
यूबीटी में बेचैनी
मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को दिल्ली में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में एकनाथ शिंदे को शरद पवार द्वारा ‘महादजी शिंदे राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पवार ने एकनाथ शिंदे की भी प्रशंसा की। पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे की वजह से ठाणे की राजनीति सही दिशा में आगे बढ़ी है। इसके बाद यूबीटी में भारी बेचैनी फैल गई।
निशााने पर भतीजे, भाजपा और फडणवीस
शरद पवार ने शिंदे की प्रशंसा की। राजनीतिक क्षेत्र में अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसके पीछे पवार की कोई गणित है। महाविकास अघाड़ी का हिस्सा रहते हुए उन्होंने महायुति के प्रमुख सदस्य एकनाथ शिंदे की प्रशंसा की। उनके निशाने पर उनके भतीजे अजीत पवार, भाजपा नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और तीसरे स्थान पर शिवसेना उबाठा थी।
12 फरवरी को शिवसेना उबाठा द्वारा की गई अपरिपक्व राजनीति की झलक शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं में भी देखने को मिली। शरद पवार ने वास्तव में क्या कहा और इसका क्या मतलब है? शिवसैनिकों का मानना है कि लोगों को इसका एहसास होने से पहले ही शिवसेना ने उबाठा के खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया है।
पवार के निशाने पर अजीत पवार और फडणवीस भी थे। हालांकि, उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। साथ ही, विवाद के दौरान विशेषज्ञों ने भी अजीत पवार और फडणवीस पर ध्यान नहीं दिया। ऐसा लगने लग रहा है कि पूरा विवाद शरद पवार और यूबीटी के बीच चल रहा है।
पवार ने क्या कहा?
“अगर हम जानना चाहते हैं कि वह नेता कौन है जो नागरिक मुद्दों और समस्याओं को समझता है, तो हमें एकनाथ शिंदे का नाम लेना होगा।” वे ठाणे, ठाणे मनपा और मुंबई की समस्याओं से अवगत हैं। राज्य के मुख्यमंत्री भी इससे अवगत हैं। उन्होंने लगातार सही दिशा प्रदान करने के लिए काम किया। ऐसा करते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से संवाद करके समस्या का समाधान ढूंढने का काम किया। यह महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में एक रिकार्ड रहेगा। उन्होंने उनकी प्रशंसा भी व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि उन्हें इस अवसर पर सम्मानित किया जा रहा है।”
सामना में आलोचना
इस पर शिवसेना के मुखपत्र दैनिक ‘सामना’ ने शरद पवार की आलोचना करते हुए संपादकीय लिखा। राउत ने कहा कि पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था। उन्होंने उम्मीद जताई कि शरद पवार भी संयम की नीति अपनाएंगे। बुधवार, 12 फरवरी, 2025 की सुबह, शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता संजय राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए यह समझाने की कोशिश की कि कैसे शिवसेना ठाणे में प्रभावी है।
शिंदे ठाणे की राजनीति में देर से आये!
संजय राउत ने कहा, ‘हो सकता है कि शरद पवार के पास गलत जानकारी हो। पिछले 30 वर्षों में शिवसेना ने ठाणे की राजनीति को सही दिशा में ले जाने का काम किया है। इस स्टेशन का विकास सतीश प्रधान द्वारा किया गया। एकनाथ शिंदे ठाणे की राजनीति में बहुत देर से आए। अगर शरद पवार को जानकारी चाहिए तो हमारा राजन विचारे उन्हें जानकारी मुहैया कराएंगे। सभी सभी फाइलें भेज देंगे। एकनाथ शिंदे बहुत देर से विधायक बने और विधानसभा में पहुंचे। राउत ने शिंदे की आलोचना करते हुए कहा, “इसके बाद पुलिस स्टेशन का इंतजार शुरू हो गया।”