Maharashtra Politics: तत्कालीन माविआ सरकार (MVA Government) के दौरान सरकार ने राज्यपाल द्वारा मनोनीत (nominated by Governor) 12 एमएलसी (12 MLCs) पदों के लिए नामों की सूची तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) को भेजी थी, लेकिन राज्यपाल ने सूची (signed the list) पर हस्ताक्षर करने में देरी की।
इसलिए, उबाठा नेता सुनील मोदी ने राज्यपाल की कार्रवाई को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने गुरुवार 9 जनवरी को खारिज कर दिया।
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12 एमएलसी के नामांकन वापस लेने की मांग
जुलाई 2023 में, सुनील मोदी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के 5 सितंबर 2022 को 12 एमएलसी के नामांकन वापस लेने के फैसले के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद इन नामांकनों की सिफारिश की थी। 7 अक्टूबर 2024 को हाईकोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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राज्यपाल से मंजूरी
राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 विधायकों में से 7 (राज्यपाल मनोनीत 12 एमएलसी) की सूची 14 अक्टूबर 2024 को वर्तमान महायुति सरकार के राज्यपाल को भेजी गई और राज्यपाल ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए। सुनील मोदी ने भी इसे चुनौती देते हुए एक अन्य जनहित याचिका दायर की है। यदि न्यायालय ने इन्हीं सदस्य पदों के मुद्दे पर याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा होता, तो यह तर्क दिया जाता कि वर्तमान राज्यपाल द्वारा महागठबंधन सरकार की सूची पर हस्ताक्षर करना कानूनी रूप से गलत था। अदालत इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
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