पुणे के पास स्थित भोसरी भूमि घोटाले की जांच के लिए नियुक्त जोटिंग कमेटी की रिपोर्ट मंत्रालय से गायब हो गई है। इसे लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री और वर्तमान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता एकनाथ खडसे के भूमि सौदे की जांच के लिए इस कमेटी का गठन किया था। फिलहाल ईडी इस जमीन घोटाले के सिलसिले में खडसे की जांच कर रही है।
बढ़ेंगी खडसे की मुश्किलें
बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भोसरी भूमि घोटाले की जांच के लिए जोटिंग कमेटी का गठन किया था। समिति का गठन उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिनकर जोटिंग की अध्यक्षता में किया गया था। सरकार ने इस कमेटी पर 45 लाख रुपये खर्च किए थे। चूंकि अब मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग के पास यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है, इसलिए खडसे की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।
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क्या है भोसरी जमीन घोटाला?
भोसरी एमआईडीसी में सर्वे नंबर 52 पर कथित रुप से यह घोटाला किया गया है। तीन एकड़ भूखंड सौदे में जब यह घोटाला किया गया था,तब एकनाथ खडसे राजस्व मंत्री थे। खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे और उनके दामाद गिरीश चौधरी ने अब्बास उकानी से यह जमीन खरीदी थी। लेकिन चूंकि जमीन एमआईडीसी की थी, इसलिए खडसे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था और उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इन आरोपों की जांच के लिए देवेंद्र फडणवीस सरकार ने कमेटी का गठन किया था।
विपक्ष का आरोप
इस जमीन घोटाले की जांच रिपोर्ट गायब होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह रिपोर्ट जानबूझकर गायब की गई है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि एकनाथ खडसे को बचाने के लिए रिपोर्ट गायब की गई है।