महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे कुछ सदस्यों की अयोग्यता सम्बंधी याचिकाओं पर फैसला लेने की अवधि एक सप्ताह के भीतर तय करें।
करना होगा सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा का सम्मान
देश की शीर्ष अदालत ने 11 मई के उस फैसले का उल्लेख किया जिसमें विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the assembly) को उचित समय सीमा के अंदर कुछ विधायकों की अयोग्यता (disqualification) याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने विधानसभा अध्यक्ष से सवाल कि आखिर 11 मई को इस अदालत के फैसले के बाद क्या किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते बाद फिर से सुनवाई का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि अध्यक्ष को सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा का सम्मान करना होगा और उसके फैसले का पालन करना होगा।
सुनील प्रभु ने दायर की है याचिका
गौरतलब हो कि एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष ने उस मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया है, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) समेत 56 विधायकों (MLAs) को अयोग्य ठहराने की मांग की गयी है। इसी बाबत सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट के सांसद सुनील प्रभु ने एक याचिका दायर की रखी है।
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