Maharashtra: शिंदे की शिवसेना, बने रहेंगे सीएम, स्पीकर नार्वेकर के फैसले से उद्धव ठाकरे को जोर का झटका

प्रदेश में पिछले 8- 10 महीने से चर्चा में चल रहे 16 शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर फैसला आ गया है। इस फैसले से ये तय हो गया है कि शिंदे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

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Maharashtra में 10 जनवरी को बड़ा फैसला आया है। इस फैसले के बाद पिछले करीब 8 महीने से चली आ रही शिंदे सरकार की अनिश्चितता समाप्त(Shinde government’s uncertainty ends) हो गई है। इस फैसले के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर(Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के निर्णय को गलत(The decision to disqualify 16 MLAs of Shinde group is wrong) बताया है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि उनके विधायकी की मान्यता बरकरार रहेगी।

प्रदेश में पिछले 8- 10 महीने से चर्चा में चल रहे 16 शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर फैसला(Decision regarding disqualification of 16 Shinde group MLAs) आ गया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर(Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने शिंदे गुट को असली शिवसेना(Shinde faction is the real Shiv Sena) बताया है। इसके साथ ही शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला गलत( decision to disqualify 16 MLAs of Shinde group is wrong साबित हो गया है।

अयोग्यता मामले पर फैसले का इंतजार था। इस नतीजे के चलते पिछले 8 महीनों में शिंदे गुट और शिवसेना के ठाकरे गुट के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चरम पर पहुंच गई थी। राज्य में सरकार का भविष्य तय करने वाला यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा सुनाया गया है, जिससे राजनीतिक हलके के साथ-साथ राज्य के सभी लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो गया है।

फैसले से पहले स्पीकर राहुल नार्वेकर द्वारा दिए गए विवरण
22 जून 2023 को चुनाव आयोग द्वारा मुझे सौंपे गए शिवसेना के संविधान पर विचार करने का निर्णय लिया गया था।
2018 में चुनाव आयोग के समक्ष शिवसेना पार्टी द्वारा प्रस्तुत संविधान को ही स्वीकार किया जा सकता है। उसके बाद पार्टी संविधान में किये गये बदलावों को चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए, मैं निर्णय लेते समय बाद के परिवर्तनों को ध्यान में नहीं रख सकता। इसलिए विभाजन से पहले चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत मामले को स्वीकार करने पर विचार किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट मामले के फैसले के मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने चुनाव आयोग में दाखिल की गई शिवसेना पार्टी के संविधान पर भी टिप्पणी की।

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शिवसेना के संविधान, पार्टी संगठन, विधायक दल को ध्यान में रखते हुए यह माना गया कि मूल राजनीतिक दल शिंदे गुट की शिवसेना है। चुनाव आयोग के सामने पेश किए गए सबूतों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच संविधान को लेकर कोई सहमति नहीं है, इसलिए मेरे सामने संदर्भ के लिए उपयुक्त पार्टी संविधान लेने का विकल्प था।

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