महाराष्ट्र में आज से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नवनिर्वाचित मंत्रियों का सदन से परिचय कराया। लेकिन इस दौरान एक खास वाकया यह हुआ कि मुख्यमंत्री ने जैसे ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ का का नाम लिया, विधानसभा ‘जय श्री राम’ के नारे से गुंजायमान हो गया। विधायकों ने ये नारे दो-तीन बार लगाये।
‘जय श्री राम’ का घोष सुन उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस भी मुस्कुराते हुए टेबल थपथपाते हुए इस घोष में शामिल हो गये। ध्यान देने की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री ने उनसे पहले अन्य विधायकों का भी परिचय कराया, लेकिन तब सत्ता पक्ष के विधायकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगाये। आखिर हसन मुश्रीफ के परिचय पर ही नारे लगाने वाले विधायक क्या संकेत देना चाहते थे? ये तो वही बता सकते हैं। लेकिन एक व्यक्ति विशेष के परिचय पर ही ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना वहां उपस्थित सभी लोगों के नोटिस में आ ही गया । हालांकि ये पता नहीं चल पाया कि सत्ताधारी दल के किस विधायक ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने की शुरुआत की।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी गुट का नजारा कुछ विखरा-विखरा सा नजरा आया। क्योंकि सुबह प्रवेश द्वार प्रदर्शन के दौरान एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक नजर नहीं आये। केवल कांग्रेसी विधायक नारेबाजी कर रहे थे। हालांकि बाद में उद्धव ठाकरे गुट ने विधायकों ने भी इसमें अपनी सहभागिता कर सरकार के विरोध में नारे लगाये।
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